धनतेरस के करीब आते ही चमचमाते बर्तनों की बढ़ने लगी डिमांड, जानिए क्यों

धनतेरस नजदीक आते ही बर्तन बाजार की चमक बढ़ गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि आगे आने वाले दिनों में बाजार अच्छा रहेगा। मान्यता है कि धनतेरस पर बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इन दिनों बर्तन की दुकानों को सजाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस समय तांबे के बर्तनों की मांग भी बढ़ गई है। उधर स्टील ने फाईबर ने बर्तनों को मात दे दी है, उसने अपनी चमक बढ़ा ली है।

यहियागंज की थोक बर्तन बाजार में फुटकर व्यापारी माल उठा रहे है। वहां भीड़ नजर आ रही है। लखनऊ मेटेल मर्चेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश चंद्र अग्रवाल बताते हैं कि धनतेरस पर बाजार अच्छा जाने की उम्मीद है। शहर के और बाहर के बर्तन व्यापारी भी माल उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नया ट्रेंड आया है कि रसोई में पानी रखने और खाने पकाने के लिए तांबे के ही बर्तन लोग पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा पूजा के लिए भी लोग पीतल या तांबे के चीजें ही पसंद करते हैं। हां खाने के लिए स्टेनलेस स्टील की मांग है।

निशातगंज के बर्तन व्यापारी बताते हैं कि अगर देखा जाए तो पिछले साल की तुलना में बर्तनों में लगभग 30 फीसदी की तेजी आई है। उन्होंने बताया कि लोग अब फाईबर को पसंद नहीं है। फाईबर का समय खत्म हो गया है। स्टील ने काफी तरक्की है। ट्राई प्लाई के स्टील के बर्तन आ जाने से लोग इनको पसंद कर रहे हैं। यह सामान्य बर्तनों से दुगने-तिगने दामों पर है, लेकिन क्वालिटी अच्छी होने से डिमांड इन्ही की है। यह तीन लेयर में होते हैं, बर्नर से उठाने पर ज्यादा गर्म भी नहीं लगते हैं। देखने में बहुत अच्छे होते हैं। उन्होंने बताया कि पहले पेंदी में तांबे की लेयर लगकर आती थी, जो बाद में खराब हो जाती है और काम नहीं करती थीं । इसमें उसी में फिक्स होकर ही आती है।

इस समय खाने पकाने के स्टील बर्तन ऐसे आ रहे हैं जो इंडक्शन और गैस के चूल्हें दोनों पर इस्तेमाल हो सकते है। धनतेरस पर मांग हर प्रकार से बर्तनों की होती है। लोग लोकल और ब्रांडेड दोनों प्रकार के बर्तन पसंद करते है। ब्रांडेड में प्रेस्टिज, हांकिन्स, यूनाईटेड, पीएनबी, आदि की मांग है। लोग अपने पैसे के हिसाब से खर्च करते है।

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