औरैया : जातीय समीकरण और नोट का भार बन सकता है जीत का हार

औरैया। बिधूना नगर पंचायत में इस बार जातीय समीकरण बेहद हावी रहने के साथ ही मतदाताओं को बड़े पैमाने पर पटाने के लिए नोट की चोट दिए जाने से अध्यक्ष पद का मुकाबला काफी रोमांचक होने के साथ ही त्रिकोणीय होने के आसार है। नगर पंचायत बिधूना में अध्यक्ष पद का चुनाव इस बार काफी रोमांचक होने के साथ ही अंतिम दौर में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बनाता नजर आ रहा है। इस चुनाव में सपा प्रत्याशी प्रदीप कश्यप को सपा के वागी एवं निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अमित कुमार बाथम के कारण चुनाव में कड़ी चुनौती मिलती नजर आ रही है वही सपा के बागी निर्दलीय प्रत्याशी अमित कुमार भी अपनी जन सेवा के साथ ही जातीय जोड गणित के आधार पर जीत की जुगते भिड़ा रहे हैं।

बिधूना नगर पंचायत का चुनावी सार त्रिकोणीय मुकाबले के बनते आसार

इतना ही नहीं भाजपा प्रत्याशी वैभव गुप्ता भी अपने स्वजातियों व सर्व समाज के बल पर जीत का तानाबाना बुनने का प्रयास करते दिख रहे हैं वही भाजपा प्रत्याशी को भाजपा के देश व प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने का भी कुछ लाभ मिलता दिख रहा है। बसपा प्रत्याशी अवनीश गुप्ता विक्की जयहिंद बसपा के कोर वोट बैंक के साथ युवाओं को रोजगार दिलाने के नाम पर अपनी जीत की कवायद करते दिख रहे हैं। नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष एवं निर्दलीय प्रत्याशी आदर्श मिश्रा भी अपने स्वजातीय लोगों के व्यापक समर्थन के साथ सर्व समाज के बलबूते अपनी चुनावी वैतरणी पार करने के लिए हर हथकंडे अपनाने में लगे हुए हैं।

इस बार के चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए खासकर मुस्लिम व क्षत्रिय बिरादरी से कोई प्रत्याशी मैदान में न होने के कारण इन दोनों ही समाजों के मतदाता चुनावी हार-जीत के निर्णायक भूमिका अदा करने की स्थिति में होने से सभी प्रत्याशियों की निगाहें खासकर क्षत्रिय व समाज पर टिकी हुई हैं।

वैसे इस बार के चुनाव में जातीय समीकरण सबसे ज्यादा हावी होने के साथ नोट की चोट के भी इस चुनाव में अहम भूमिका निभाने के आसार नजर आ रहे हैं। हालांकि इस बार यहां पर चुनावी मामला राजनीतिक दलों के साथ कुछ निर्दलीयों के बीच त्रिकोणीय होने के भी प्रबल आसार दिख रहे हैं हालांकि मतदान के बाद ही पता चलेगा कि जीत का सेहरा किसके सिर पर सजेगा।

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