बहराइच : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रूपईडीहा को सामुदायिक का दर्जा देने की उठी मांग

बहराइच । रूपईडीहा नगर पंचायत क्षेत्र होने से नगर पंचायत मुख्यालय, आईसीपी ,रोडवेज डिपो,डाकघर,इंटर कालेज,डिग्री कालेज,थाना, कस्टम,वन विभाग सहित छोटे-बड़े 24 के लगभग विभाग और उनके कार्यालय हैं। वहीं सबसे महत्वपूर्ण विभाग स्वास्थ्य विभाग में सुविधा की दृष्टि से कुछ भी नहीं है। दरअसल रूपईडीहा को पूर्व में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना दिया गया था, लेकिन अब लोगों द्वारा नगर पंचायत होने पर इसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाने की मांग उठ रही है। रूपईडीहा इंडो नेपाल सीमा क्षेत्र होने के बावजूद सुविधाओं से वंचित है। रूपईडीहा नगर पंचायत होने पर भी अच्छी स्वास्थ सुविधाएं आम जनता को नहीं मिल पा रही हैं।

वही जिले में चरदा ग्राम पंचायत है लेकिन अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है।रूपईडीहा नगर पंचायत क्षेत्र में गरीब तबके के लोग निवास करते हैं। इस कारण स्वास्थ्य सुविधा की दृष्टि से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा देकर स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाए जाने की मांग जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी व आम नागरिक कर रहे हैं। यदि प्राथमिक स्वास्थ केंद्र रूपईडीहा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दिया जाता है तो चिकित्सक स्टाफ एवं चिकित्सा उपकरण की पूर्ति होंगी, जिसे क्षेत्रीय और ग्रामीणजन को सुविधा प्राप्त होने से इलाज के अभाव में किसी प्रकार की हानि नहीं होगी।

3 दर्जन गांवों के लोगों को होगा फायदा

समाजसेवी व भाजपा किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष भीमसेन मिश्र का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होना चाहिए। रूपईडीहा के आसपास 3 दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं सुबह से आम लोगों का आना-जाना रहता है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के कारण कई लोग दम तोड़ देते हैं। यहां सुविधाएं बढ़ाई जाती हैं तो तीन दर्जन गांवों के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

केंद्र पर सुविधाएं बढ़ाई जाएं

इस संबंध में चेयरमैन डॉ उमाशंकर वैश्य ने बताया कि रूपईडीहा नगर पंचायत होने के नाते स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जाएं जिससे आम नागरिक एवं गरीबों को लाभ मिल सके। रूपईडीहा जैसे 20 हजार की आबादी वाले कस्बे के अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं, चिकित्सक सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए।

लोगों पर पड़ता है आर्थिक बोझ

व्यापार मंडल महामंत्री संजय का कहना है कि स्वास्थ्य में रूपईडीहा प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर सुविधाएं न होने से लोगों को बहराइच लखनऊ जाना पड़ता है जिससे आम नागरिकों पर आर्थिक बोझ पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए रूपईडीहा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा देना जरूरी है।

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