
भास्कर समाचार सेवा
गाजियाबाद। अवंतिका स्थित साइंस डिवाइन फाउंडेशन के परिसर में रविवार शाम मासिक ध्यान शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में फाउंडेशन के संस्थापक व मार्गदर्शक साक्षी श्री ने साधकों को ध्यान की विधियां सिखाईं और अभ्यास कराया। उन्होंने कहा कि आज का मनुष्य मानसिक रूप से बीमार है और ध्यान से ही वह स्वस्थ तन, स्वस्थ मन और आत्मसाक्षात्कार के परम लक्ष्य को उपलब्ध हो सकता है।
शिविर के दौरान झुग्गी बस्तियों के बच्चों की शिक्षा व पोषण के लिए फाउंडेशन के तत्वावधान में चलने वाले साइंस डिवाइन विद्यापीठ के बच्चों को कापी-किताबें वितरित की गई। साथ ही इन गरीब बच्चों की पढ़ाई में उल्लेखनीय योगदान के लिए संस्था के वालंटियर्स सविता निर्वाण, प्राची निर्वाण, विशाल व सिमरन भटनागर तथा शरद व विभा भटनागर को सम्मानित किया गया।

शिविर में देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए साक्षी श्री ने कहा कि यह सत्य है कि आज लोग जीवन में तरह-तरह के तनाव और आर्थिक परशानियों में घिरे हुए हैं। ऐसे में वे चाहकर भी अध्यात्म की ओर उन्मुख नहीं हो पाते। ध्यान तनाव से निपटने और जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सहायता करता है। उन्होंने कहा कि आज मनुष्य की पूरी चेतना और ऊर्जा बाहर की तरफ बहकर व्यर्थ हो रही है। मनुष्य परिधि पर ही घूम रहा है और वह केंद्र यानी अपने अस्तित्व की वास्तविकता से अंजान है। ध्यान में बैठने से मनुष्य अपने केंद्र से जुड़ता है।
उन्होंने कहा कि एक सुखी व संतुष्ट जीवन के लिए भौतिकता व आध्यात्मिकता में संतुलन आवश्यक है। इस संतुलन को हासिल करने के लिए उन्होंने लोगों को तीन महामंत्र बताए। ये महामंत्र हैं; विचार शक्ति के प्रयोग का विज्ञान, विचारशून्यता का विज्ञान और सदैव आनंदित रहने का विज्ञान।” उन्होंने कहा कि “फाउंडेशन की स्थापना के पीछे शुरू से ही हमारा ध्येय था कि इन तीन महामंत्रों को जन-जन तक पहुंचाया जाए ताकि प्रत्येक व्यक्ति इन महामंत्रों के माध्यम से जीवन में भौतिक सफलताएं प्राप्त करते हुए आत्मसाक्षात्कार के परम लक्ष्य को उपलब्ध हो सके।”
उन्होंने कहा कि यह संगठन एक नई मानवता के निर्माण के लिए प्रयत्नशील है जिसकी जड़ें ध्यान में हों। यह लोगों को सांसारिक सुख-सुविधाओं का त्याग किए बिना आनंदमय जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है। फाउंडेशन ध्यान के प्रसार के अलावा समाज कल्याण गतिविधियों में भी संलग्न है और झुग्गी बस्तियों के वंचित बच्चों को शिक्षित करने के लिए काम कर रहा है।