बरेली : कृषि विभाग में फिर करोड़ों का बजट लग सकता है ठिकाने

बरेली। कृषि विभाग में एक बार फिर किसानों की सब्सिडी के लिए शासन से मिले करोड़ों रुपये के बजट को ठिकाने लगाने की तैयारी है। इसका तानाबाना भी बुना जा चुका है। इसके लिए 20 साल से एक ही पटल पर जमे बाबू के साथ मिलकर रणनीति बनाई गई है। यही वजह है कि शासन से ट्रांसफर होने के बाद भी उसे डिप्टी डायरेक्टर के दफ्तर से रिलीव नहीं किया जा रहा है। कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर दीदार सिंह जानबूझकर बाबू को रिलीव नहीं कर रहे हैं। क्योंकि तीस अगस्त को डीडी का भी रिटायरमेंट है।

बहेड़ी विधायक के शासन को पत्र लिखने पर बैठी थी जांच

कृषि विभाग के बिलवा स्थित दफ्तर में 20 साल से कार्यरत बाबू शिवकुमार कृषि यंत्र सब्सिडी घोटाले में जांच का सामना कर रहा है। बाबू के खिलाफ बहेड़ी विधायक अताउर रहमान ने शासन को पत्र लिखा था। इस पर शासन ने जांच बिठाई थी। डीसी मनरेगा गंगाराम के नेतृत्व मे तीन सदस्यीय समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी थी। इसके मद्देनजर शासन ने 30 जून 2023 को शिवकुमार का तबादला कर दिया था। लेकिन, तबादले के सत्रह दिन बाद भी बाबू शिवकुमार को रिलीव नहीं किया गया है।

सूत्रों के अनुसार बाबू शिवकुमार को डिप्टी डायरेक्टर कम से कम एक महीने तक रिलीव नहीं करना चाहते हैं ताकि कृषि यंत्र सब्सिडी में शासन से मिली दो करोड़ रुपए से अधिक की रकम को ठिकाने लगाया जा सके। कृषि विभाग के सूत्रों का कहना है कि सब्सिडी की रकम में गोलमाल करने के लिए ही बाबू को किसी न किसी बहाने से उसी पटल पर रोका जा रहा है ताकि सरकार से भेजी गई किसानों की रकम आपसी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ सके।

विधायक ने जताई नाराजगी

कृषि विभाग के बाबू शिवकुमार को ट्रांसफर होने के बाद भी रिलीव न करने पर भाजपा के विधायक ने भी नाराजगी जताई है। विधायक ने डिप्टी डायरेक्टर दीदार सिंह को फोन करके कहा है कि शासन से ट्रांसफर होने के सत्रह दिन बाद भी बाबू शिवकुमार को क्यों नहीं रिलीव किया गया। इस पर डिप्टी डायरेक्टर ने आश्वासन दिया कि बाबू को जल्द रिलीव किया जाएगा।

जेडी ने जारी किया नोटिस

संयुक्त कृषि निदेशक राजेश कुमार भी बाबू शिवकुमार को डिप्टी डायरेक्टर ऑफिस से रिलीव न करने पर खफा हैं। उन्होंने डिप्टी डायरेक्टर दीदार सिंह को नोटिस जारी किया है। उसमें पूछा गया है कि शासन से ट्रांसफर होने के सत्रह दिन बाद भी बाबू को रिलीव क्यों नहीं किया गया है।

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