बरेली: ऐसे ही नहीं कटा एमपी वरुण गांधी का पीलीभीत बहेड़ी से टिकट

बरेली। बहेड़ी पीलीभीत।  यूपी की लोकसभा सीट से भाजपा सांसद वरुण गांधी का टिकट ऐसे ही नहीं काटा गया है। इसके पीछे कई वजह सामने आ रही हैं। भाजपा के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो वरुण गांधी पिछले 2 साल से भाजपा की केंद्र, और यूपी सरकार को काफी टेंशन दे रहे थे। उनके सोशल मीडिया पर ट्वीट, और सियासी हमलों ने भाजपा की टेंशन बढ़ा दी थी। जिले के संगठन से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक ने समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन उन्होंने नजरअंदाज कर दिया।

वह पिछले दो साल से केंद्र-प्रदेश सरकार पर हमलावर थे। इसके बाद ही राष्ट्रीय नेतृत्व ने टिकट काटने का फैसला ले लिया था। सांसद वरुण गांधी ने सरकार को युवाओं, बेरोजगार, राशन, और गरीबों के मुद्दे पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सबसे पहले 11 नवंबर, 2023 को भाजपा की मंडी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाई गई अभिनेत्री कंगना रनौत का सोशल मीडिया पर अभिनेत्री कंगना रनौत का वीडियो शेयर कर निशाना साधा था।

वरुण गांधी ने 11 नवंबर 2021 को सोशल मीडिया पर कहा कि कभी महात्मा गांधी जी के त्याग, और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूँ, या फिर देशद्रोह?। इस वीडियो में कंगना यह कहते सुनी जा रही हैं थी कि असली आजादी 2014 में मिली है। पहले जो आदाजी मिली थी, वो आजादी नहीं थी, वो भीख थी। हालांकि, अब सांसद पूर्वांचल की एक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की कोशिश में हैं। क्योंकि, उनके एक भावुक पत्र से भाजपा का पीलीभीत लोकसभा सीट जीतना मुश्किल हो गया है। उनको समझाने के साथ ही चुनाव लड़ाने का आश्वासन दिया गया है।
जानें किन मुद्दों पर घेरा था सरकार

सांसद वरुण गांधी ने यूपी सरकार की ट्वीट कर आलोचना की। इसमें एक्स पर ट्वीट कर कहा कि ‘करोड़ों परिवार उजाड़ने वाली शराब का ‘राजस्व वृद्धि’ के लिए प्रचार किया जाना दुखद है। शराब का नकारात्मक असर शराबी से अधिक उनके परिवार पर पड़ता है।

महिलाओं, और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। क्या ‘रामराज्य’ में सरकार के पास राजस्व बढ़ाने के लिए इससे बेहतर विकल्प नहीं है?। इसमें एक खबर को भी रिट्वीट किया। खबर में यूपी में शराब सस्ती हो सकती है ?, लिखा था। इसके बाद यूपी में सारस और आरिफ को अलग कर चिड़ियाघर में रखा गया, तो वरुण गांधी ने 12 अप्रैल 2023 को ट्वीट कर सारस और आरिफ की कहानी खास है! एक दूसरे को सामने पा कर इन दोनों दोस्तों की ख़ुशी बता रही है कि इनका प्रेम कितना निश्छल और पवित्र है। यह खूबसूरत जीव स्वच्छंद आकाश में उड़ने के लिए बना है, पिंजरे में रहने के लिये नहीं। उसे उसका आसमान, उसकी आजादी और उसका मित्र वापिस लौटा दीजिए।

पुलिस भर्ती पर कसा तंज

यूपी के सरकारी विभागों में रिक्त पदों को लेकर भी सांसद ने तंज कसा था। उन्होंने 29 अक्टूबर, 2022 को एक्स पर ट्वीट कर कहा कि चार साल से यूपी पुलिस की भर्ती का इंतजार कर रहे लाखों छात्र ओवर-एज हो चुके। ना भर्ती मिली, ना कोई उम्मीद। सोशल मीडिया पर वह लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं है। यही छात्र जब सड़क पर आएंगे,

तब उनपर ‘उपद्रवी’ होने का आरोप लगेगा। क्या यह अन्याय नहीं है? वरुण का यह बयान भी पार्टी लाइन से हटकर था। एक सिंतबर 2022 को ट्वीट किया। इसमें कहा कि युवाओं में रोजगार दर 20.9 फीसद से घटकर 10.4 फीसद रह गई है। यह पिछले 5 वर्षों में सबसे न्यूनतम स्तर पर है। हाल ही में प्रधानमंत्री जी ने सभी विभागों से रिक्त पड़े 10 लाख पदों को भरने का आग्रह किया था। अब तक कोई भी विभाग ठोस कार्य योजना नहीं बना सका। संघर्षशील युवा कब तक इंतजार करेगा ।
फ्री राशन पर कहीं ये बात
सांसद ने 6 अगस्त, 2022 को कहा कि जो सदन गरीब को 5 किलो राशन दिए जाने पर ‘धन्यवाद’ की आकांक्षा रखता है। तो वही सदन बताता है कि 5 वर्षों में भ्रष्ट धनपशुओं (कारोबारियों) का 10 लाख करोड़ तक का लोन माफ हुआ है। ‘मुफ्त की रेवड़ी’ लेने वालों में मेहुल चोकसी, और ऋषि अग्रवाल का नाम शीर्ष पर है। सरकारी खजाने पर आखिर पहला हक किसका है।

इसके साथ ही 3 अगस्त, 2022 को कहा कि बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने आज सदन में ‘मुफ्तखोरी की संस्कृति’ खत्म करने पर चर्चा का प्रस्ताव रखा। इस पर जनता को मिलने वाली राहत पर उंगली उठाने से पहले हमें अपने गिरेबां में जरूर झांक लेना चाहिए। क्यूं न चर्चा की शुरूआत सांसदों को मिलने वाली पेंशन समेत अन्य सभी सुविधाएं खत्म करने से हो ?। गैस सिलेंडर के रेट बढ़ने पर सरकार 3 अगस्त, 2022 को वरुण गांधी ने ट्वीट किया कि पिछले पांच सालों में 4.13 करोड़ लोग LPG की सिंगल रीफ़िल का खर्च नहीं उठा सके, जबकि 7.67 करोड़ ने इसे केवल एक बार रीफ़िल किया। घरेलू गैस की बढ़ती कीमत, और नगण्य सब्सिडी के साथ गरीबों के ‘उज्जवला के चूल्हे’ बुझ रहे हैं।  “स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन” देने के वादे क्या ऐसे पूरे होंगे?।

बेरोजगारी पर उठाया सवाल
सांसद ने 28 जुलाई, 2022 को वरुण गांधी ने कहा कि ससंद में सरकार द्वारा दिए गए यह आंकड़े बेरोजगारी का आलम बयां कर रहे हैं। विगत 8 वर्षों में 22 करोड़ युवाओं ने केंद्रीय विभागों में नौकरी के लिए आवेदन दिया। इसमें से मात्र 7 लाख को रोजगार मिल सका, जब देश में लगभग एक करोड़ स्वीकृत पद खाली हैं, तब इस स्थिति का जिम्मेदार कौन है?

4 जुलाई 2022 को वरुण गांधी ने कहा कि आंकड़े झूठ नहीं बोलते! देश की बेरोजगारी दर 7.8 फीसद, हरियाणा की बेरोजगारी दर 30.6 फीसद, 19 साल का हर दूसरा युवा बेरोजगार। प्रदेश में शिक्षकों के 50 हजार पद खाली। अग्निवीर युवा 4 वर्षों के बाद बेरोजगारी के इन्हीं आंकड़ों का हिस्सा बन जाएंगे। युवा बेरोजगारी के आंकड़ें या देश का भविष्य?। अग्निवीर योजना की निंदा करते हुए 15 जून 2022 को उन्होंने कहा कि सरकार भी 5 सालों के लिए चुनी जाती है। फिर युवाओं को सिर्फ 4 साल देश की सेवा करने का मौका क्यों?।

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