बड़ी लापरवाही : मरीज की मौत के बाद पांच घंटे पड़ा रहा शव, आंखों का ये हाल की चींट‍ियां

 

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिला अस्पताल में भर्ती एक मरीज की मौत के बाद पांच घंटे तक उसका शव मेडिकल वार्ड में पड़े रहने और चेहरे पर चींटियां रेंगने के मामले में विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की है।

मप्र विधानसभा नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मामले को लेकर बुधवार को सरकार पर हमला बोला है और घटना को सरकार की लापरवाही बताते हुए जमकर कोसा है। गोपाल भार्गव ने ट्वीट कर लिखा ‘सरकार का अमानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है। इंदौर में लापरवाही, छिंदवाड़ा में लापरवाही और अब शिवपुरी की यह घटना। ये सरकार की प्रशासनिक अक्षमता ओर बेशर्मी की हदें पार कर चुकी है।

ये तस्वीर बालचंद्र के रूप में संवेदना की मौत की है...

पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी घटना को अमानवीय बताते हुए सरकार से दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है। बुधवार सुबह मार्मिक समाचार की जानकारी मिलते ही सिंधिया ने तुरंत प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को निर्देश दिया कि उक्त घटना के लिए जो भी डॉक्टर या कर्मचारी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में इस प्रकार के अमानवीय व्यवहार के लिए कोई स्थान नही होना चाहिए। इसके साथ ही सिंधिया ने कांग्रेसजन को भी तुरंत अस्पताल पहुँचकर मरीज के पार्थिव देह को सम्मान के साथ घर पहुंचाने का प्रबंध करने का निर्देश दिया।

उल्लेखनीय है कि शिवपुरी जिला अस्पताल में भर्ती एक मरीज की मौत के बाद पांच घंटे तक उसका शव मेडिकल वार्ड में पड़ा रहा और उसके चेहरे पर चींटियां रेंगती रहीं। ड्यूटी डॉक्टर और नर्सों को सूचना दी पर उन्होंने देखकर अनदेखा कर दिया। मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना को असंवेदनशील बताते हुए लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।

क्या है पूरा मामला
फक्कड़ कॉलोनी निवासी 50 वर्षीय बालचंद्र लोधी  को रविवार को पेट में तकलीफ के चलते जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। परिवार में पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। इसलिए पत्नी सोमवार की रात  बच्चों की देखभाल के लिए घर चली गई। वार्ड में भर्ती मरीज अशोक राठौर का कहना था कि बालचंद्र के शरीर में सुबह 6 बजे से कोई हलचल नहीं दिख रही थी।

सुबह 8.30 बजे ड्यूटी डॉक्टर के आने से पहले मरीजों के पर्चे देने के लिए नर्स आई तो अशोक ने उसे बताया कि बालचंद्र सुबह 6 बजे से ही ऐसे पड़ा है। देख लो, लेकिन नर्स दूर से देखकर चली गई।  9.30 बजे दूसरी नर्स भी दूर से ही देखकर चली गई। इसके बाद सुबह 10 बजे ड्यूटी डॉक्टर दिनेश राजपूत वार्ड में पहुंचे तो वे भी दूर से देखकर चले गए। उन्होंने अन्य मरीजों को भी नहीं देखा।

इसके बाद वार्ड में भर्ती किसी मरीज ने बालचंद्र की पत्नी रामश्री बाई को फोन किया। सुबह 11 बजे रामश्री अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने पति की आंखों से चींटियों को हटाया। वे बिलखते हुए कहे जा रही थीं कि देह को कम से कम कपड़े से सुरक्षित ढंक तो देते। परिवार के लोग राेते-रोते शव को ले गए।

पीड़ा हुई कि अस्पताल में शव को ढंका तक नहीं गया
मृतक की पत्नी रामश्री बाई ने बताया कि मुझे तो अस्पताल से फोन पहुंचा। आकर देखा तो पति की आंख पर चीटियां जमी थीं। यह देखकर पीड़ा हुई कि अस्पताल में उनके शव को ढंककर भी नहीं रखा गया।

 

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