बिहार के बाहुबली नेता को SC से झटका, दो भाइयों की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा बरकरार 

:पटना : बिहार के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सिवान में दो भाइयों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है.  दोहरे हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कई सवाल पूछे, लेकिन शहाबुद्दीन के वकीलों की तरफ से उनके जवाब नहीं मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.

मीडिया खबरों के मुताबिक,

दो भाइयों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. जिसको सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में CJI रंजन गोगोई की बेंच ने शहाबुद्दीन के वकीलों से पूछा कि इस दोहरे हत्याकांड के गवाह तीसरे भाई राजीव रोशन की कोर्ट में गवाही देने जाते समय हत्या क्यों की गई? इस हमले के पीछे कौन था? लेकिन कोर्ट को इन सवालों के सही जवाब नहीं मिले. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह हाईकोर्ट के फैसले में दखल नहीं देगा. इस अपील में कानूनी तथ्य नहीं है.

 

गौरतलब है कि बिहार से सिवान में साल 2014 में सतीश और गिरीश रोशन की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में शहाबुद्दीन व अन्य को आरोपी बनाया गया. 9 दिसंबर 2015 को निचली अदालत ने शहाबुद्दीन सहित अन्य लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई. जिसको शहाबुद्दीन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी.

 

पटना हाईकोर्ट ने 2017 में शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा. इसके बाद शहाबुद्दीन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जहां सुप्रीम कोर्ट ने भी निचली अदालत और हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.

सवाल के जवाब नहीं दे पाये वकील

सुनवाई के दौरान CJI रंजन गोगोई की बेंच ने शहाबुद्दीन के वकीलों से कई सवाल पूछे, लेकिन उनके जवाब नहीं मिले. सीजेआई ने पूछा कि इस डबल मर्डर केस के गवाह तीसरे भाई राजीव रोशन की कोर्ट में गवाही देने जाते समय हत्या क्यों की गई? सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह हाईकोर्ट के फैसले में दखल नहीं देगा. इस अपील में कानूनी तथ्य नहीं है.

2004 में हुई थी हत्या

गौरतलब है कि अगस्त में 2004 में सीवान में सतीश और गिरीश रोशन की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी. इस डबल मर्डर केस में 9 दिसंबर 2015 को निचली अदालत ने शहाबुद्दीन व अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जिसके बाद शहाबुद्दीन ने पटना हाईकोर्ट में अपील की थी. लेकिन 2017 में पटना हाईकोर्ट ने भी उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा था. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में शहाबुद्दीन को राहत नहीं देते हुए निचली अदालत और हाईकोर्ट की सजा को बरकरार रखा है.

उल्लेखनीय है कि 6 जून 2014 को इस डबल मर्डर केस के चश्मदीद गवाह और दोनों मृतकों सतीश और गिरीश रोशन के भाई राजीव रोशन की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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