सपने देखने की आदत डालती हैं किताबें : जिलाधिकारी

  • 21वां पुस्तक मेला में जिले के सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की हिस्सेदारी आवश्यक-जिलाधिकारी
  • 7 दिवसीय पुस्तक मेले का थीम-बिन पानी सब सून

आजमगढ़। जिला प्रशासन की सानिध्य में पर्यावरण एवं वन विभाग के सहयोग से शुरूआत समिति के माध्यम से आयोजित 21वें आजमगढ़ पुस्तक मेले का उद्घाटन जिलाधिकारी आजमगढ़ राजेश कुमार ने किया। उपस्थित विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि किताबें सपने देखने की आदत डालती है। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ पुस्तक मेले का 21 वर्षों यह सफर शहर की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। कोई भी उत्सव लोगों के जुड़ाव एवं सहभागिता से आयोजित होता है। उन्होंने कहा कि शहर के पुस्तकालयों का यह मंच जीर्णोद्धार का प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहा कि मेले का थीम ‘बिन पानी सब सून’ रखने का उद्देश्य आजमगढ़
की विरासत को फिर से पढ़ना है।


उन्होंने कहा कि आजमगढ़ की सरजमी पर ताल सलोने जैसे दर्जन भर ताल आजमगढ़ की विरासत है। इसके जीर्णोद्धार के लिए सामूदायिक हिस्सेदारी से मार्ग तलाशा जायेगा। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ जिले के सभी शिक्षण संस्थाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षकों और विद्यार्थियों की अधिकतम हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाय।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीएफओ आजमगढ़ संजय विस्वाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण ज्ञानार्जन का ही नहीं जीवन जीने का संस्कार है। उन्होंने कहा कि आजमगढ़ पुस्तक मेला पर्यावरण विषयों के विमर्श का मेला है।

उन्होंने कहा कि प्रकृति संरक्षण का मार्ग ज्ञान के मंदिरों से ही साकार होगा।स्वागत करते हुए शिब्ली इंटर कालेज के प्रधानाचार्य निसार अहमद ने कहा कि बाल मन एक बेहतर रास्ट्र की इकाई तभी बनेगा जब उसकी दोस्ती बेहतर किताबों से होगी। विमर्श में हिस्सा लेते हुए मौलाना उमेर सिददकी नदवी ने कहा कि यह हिन्दी उर्दू-अंगे्रजी भाषाओं के पुस्तकों का संगम है। किसी भी भाषा को साहित्यकार ही वैश्विक स्वरूप प्रदान करता है। पुस्तक मेला सभी भाषाओं के साहित्यिक रचनाओं का साक्षात्कार कराता है। इस अवसर पर शिब्ली एकेडमी के फखरूल इस्लाम ने कहा कि आजमगढ़ पुस्तक मेला साहित्य विमर्श को सामान्य जन को साहित्य उपलब्ध कराने का जीवंत मंच है।


धन्यवाद ज्ञापन करते हुए शिब्ली डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. सलमान अंसारी ने कहा कि पुस्तक मेला सभी आयु वर्ग के विद्यार्थियों के लिए सकारात्मक मंच है। इस अवसर पर जिलाधिकारी आजमगढ़ ने नेशनल बुक ट्स्ट, साहित्य अकादमी, राजकमल प्रकाशन, राधाकृष्ण प्रकाशन, लोकभारती प्रकाशन, प्रकाशन संस्थान, किताबघर, शिब्ली एकेडमी, सहित देशभर से आये प्रकाशकों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में लोक कवि कृष्णानंद राय ने अपने गीतों से लोगों को प्रकृति रक्षा का संदेश दिया। मैकस आजमी ने अपनी रचनाओं से लोगों को जोड़ने की बात की।


मंच संचालन करते हुए संस्कृतिकर्मी राजीव रंजन ने कहा कि आज के विमर्श का विषय साइबर युग में किताबें संवाद का माध्यम बना। इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य अबू मुहम्मद, जिलापुस्तकालाध्यक्ष बलदेव, कार्यालय जिला विद्यालय निरीक्षक से वीके सिंह सहित सैकड़ों शिक्षक/विद्यार्थी उपस्थित थे। इस अवसर पर देश भर के चित्रकारों की चित्रकला आकर्षण का केन्द्र बनी।


28 जनवरी को पर्यावरण पत्रकारिता और नागरिक दायित्व, 29 जनवरी को फसल अवशेष प्रबन्धन, 30 जनवरी सड़क सुरक्षा समय की पहल, 31 जनवरी इतिहास के आइने में आजमगढ़, 1 फरवरी हरा-भरा आजमगढ़ में नागरिक दायित्व, 2 फरवरी प्रकृति संरक्षण में नागरिक दायित्व । इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों के लिए वाद-विवाद प्रतियोगिता, चित्रकला कार्यशाला, गीत-संगीत, संस्मरण लेखन, पुस्तक समीक्षा जैसी गतिविधियां प्रतिदिन आयोजित की जायेंगी।

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