लखनऊ, । बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय पर तीन जून को पार्टी अध्यक्ष मायावती ने एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में वे लोकसभा चुनाव हारे जीते अपने कार्यकर्ताओं से सीधी बात करेंगी।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सक्रिय रूप से नजर आए बसपा के जिलाध्यक्ष, जिला, जोन व मंडल कोआर्डिनेटर, हारे और जीते हुए उम्मीदवार और प्रमुख प्रदेश पदाधिकारियों को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कार्यालय पर बुलाया गया है। प्रदेश बसपा के विभिन्न पदाधिकारियों को इसका संदेश भेजा जा रहा है।
प्रदेश में बसपा ने कई बार मुश्किल दौर में भी सत्ता हासिल की है। इस बार लोकसभा चुनाव में भी बसपा के महासचिव स्तर से लेकर प्रदेश महासचिव तक सभी जीत को लेकर आश्वस्त थे, जिसके बाद आए परिणाम चौकाने वाले मिले। महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने तो प्रदेश में लोकसभा की सीटे जीतकर केन्द्र की सत्ता में काबिज होने के लिए समाजवादी पार्टी से गठबंधन तक कराया, लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा।
आगामी बैठक में गठबंधन को लेकर भी चर्चा होने के आसार हैं। इसके अलावा कुछ प्रमुख नेताओं के दायित्व परिवर्तन भी किये जाने पर चर्चा होगी। बसपा के पास मुस्लिम, कायस्थ, क्षत्रिय चेहरे का अभाव देखा जा रहा है, उस पर भी राष्ट्रीय पदाधिकारी मंथन कर सकते है। तीनों ही वर्ग विशेष की कमी पूरी कर बसपा उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटेगी।
चुनावी प्रदर्शन से मायावती खुश नहीं
सूत्रों का कहना है कि 10 सीट पर जीत मिलने के बाद भी मायावती चुनाव परिणाम से खुश नहीं हैं। मायावती के अनुसार, सपा और आरएलडी से गठबंधन करने के बाद भी आशा के अनुरूप परिणाम नहीं आए. इससे वो बहुत नाराज हैं। यही वजह है कि वो पार्टी के विरोध काम करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही हैं।
2007 और 2012 में बीएसपी के टिकट बने थे विधायक
दरअसल, इकबाल ठेकेदार 2007 और 2012 में बीएसपी के टिकट पर चांदपुर के विधायक बने थे. हालांकि, 2017 में वह हार गए थे. इस बार वह लोकसभा चुनाव में बिजनौर लोकसभा सीट से बीएसपी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनकी मांग को दरकिनार कर पार्टी हाईकमान ने एसपी से आईं पूर्व विधायक रुचिवीरा को बिजनौर लोकसभा सीट का प्रभारी घोषित कर दिया।