कोरोना संक्रमित महिला मेडीकल काॅलेज की छत से कूदी, मौत


– ब्रेन ट्यूमर होने से तीन माह से जूझ रही थीं, आॅपरेशन के लिए नही थे रुपए

मैनपुरी- थाना एलाऊ क्षेत्र के अजीतगंज निवासी ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही रही कोरोना संक्रमित महिला ने सैंफई मेडीकल काॅलेज की छत से छलांग लगा दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। महिला की मौत की खवर मिलते ही परिजनो में हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया है। महिला की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है।


थाना एलाऊ क्षेत्र के गांव अजीतगंज निवासी 50 वर्षीय सुशीला पत्नी होरीलाल शंखवार तीन माह से ब्रेन ट्यूमर से जूझ रही थी। परिवार के लोग ट्यूमर की जांच के लिए आगरा लेकर गए लेकिन ऑपरेशन के लिए रुपये नहीं थे। इसलिए वह उसे 27 अक्तूबर को संैफई मेडिकल कॉलेज ले गए जहां उसे भर्ती कर लिया गया। 29 अक्तूबर को जांच में सुशीला कोरोना पॉजिटिव पाई गई। आनन-फानन में उसे मेडिकल कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग में बने आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया। जहां पर अस्पताल की तीसरी मंजिल के वार्ड पांच की खिड़की से रात्रि को सुशीला ने छलांग लगा दी। जिससे उसकी नीचे गिरते ही मौत हो गई। अपर चिकित्साधीक्षक कोरोना अस्पताल इंचार्ज अनिल एरो ने खिड़की से गिरकर महिला की मौत होने की जानकारी दी है। इटावा पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शव गांव भिजवाया जहां उसका अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकाॅल के तहत करा दिया गया।


आखिर कहां पर चल रहीं आयुष्मान भारत योजना
अजीतगंज निवासी महिला की मौत ने जिला के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। सरकार की प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना पांच लाख का इलाज निःशुल्क होने के वाद संचालित होने के बाद भी मृतका के पति का आरोप है कि वह बेहद ही गरीब है। अगर उसके पास 90 हजार रुपए आॅपरेशन के लिए होते तो उसकी पत्नी की जान बच जाती। रुपए न होने की वजह से उसे आगरा से वापस लौटना पड़ा था। सरकार की प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का उसके पास तो कार्ड ही नहीं है। उसकी पत्नी को सैंफई मंे ठीक से उपचार नहीं मिला। आॅपरेशन का दबाव बनाया गया तो ऑपरेशन की मशीन खराब होने की बात कह दी गई और इसके बाद पत्नी को कोरोना पाॅजिटिव बताकर कोरोना वार्ड में भर्ती करा दिया गया।
मैनपुरी से प्रवीण पाण्डेय की रिपोर्ट

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