
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश को हिला कर रख दिया है. इसके रोकथाम के लिए मोदी सरकार लगातार बड़े और कड़े कदम उठा रही है. भारत में टीकाकरण का अगला चरण 21 जून से शुरू होने जा रहा है. इसके अंतर्गत केंद्र सरकार 18 साल से ऊपर वालों के लिए मुफ्त में वैक्सीन मुहैया कराएगी.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते सात जून को ऐलान किया था कि राज्यों को टीका निर्माता कंपनियों से वैक्सीन की खरीद नहीं करनी होगी. केंद्र 75 प्रतिशत वैक्सीन की खरीदारी करेगा और उसे राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त में वितरित करेगा.
भारत में पहला टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू 30 अप्रैल तक चला था. इस दौरान केंद्र सरकार की नीति यह रही कि उसने टीका निर्माताओं से 100% वैक्सीन की खरीद की और उन्हें राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त में दिया. पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 साल से ऊपर वालों को प्राथमिकता दी गई थी. इसके बाद एक मई से केंद्र ने उदारीकृत नीति को लागू किया, जिसके अंतर्गत केंद्र टीका निर्माताओं से 50 प्रतिशत वैक्सीन की खरीदारी की, जबकि बाकी के 50 प्रतिशत की खरीद राज्य और निजी अस्पतालों ने प्रत्यक्ष रूप से निर्माताओं से की.
वैक्सीन खरीद की नीति में बदलाव को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘काफी राज्यों ने अब कहा है कि उन्हें धन जुटाने, वैक्सीन की खरीद और उसके संचालन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम की रफ्तार पर असर पड़ा है. यह भी गौर किया गया है कि छोटे और दूरदराज के निजी अस्पतालों को भी परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है.’
अब राज्य क्या करेगा?
केंद्र द्वारा दी गई वैक्सीन की खुराक को अब राज्य 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को मुफ्त में देंगे. हालांकि इस दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता, अग्रिममोर्चे के कार्यकर्ता, 45 वर्ष की आयु वाले नागरिक और फिर वे नागरिक जिनकी दूसरी खुराक बाकी है एवं इसके बाद 18 वर्ष और उससे अधिक के नागरिकों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी. केंद्र ने कहा है कि जनसंख्या समूह के भीतर 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश वैक्सीन की आपूर्ति के आधार पर प्राथमिकता तय कर सकते हैं.
किस राज्य कितनी वैक्सीन-
आबादी, कोरोना मामलों की संख्या और टीकाकरण की बर्बादी… ये कुछ ऐसे आधार हैं, जिससे राज्यों को दी जाने वाली वैक्सीन की आपूर्ति पर केंद्र सरकार फैसला लेगी.
प्राइवेट अस्पतालों की भूमिका
निजी अस्पताल बाकी के 25 प्रतिशत वैक्सीन की खरीदारी सीधे टीका निर्माता कंपनी से कर सकते हैं. राज्य और केंद्र शासित प्रदेश निजी अस्पतालों की मांग को अपने रिकॉर्ड में रखेंगे, ताकि राज्य के सभी अस्पतालों को समान हिस्सा मिल सके. निजी अस्पताल वैक्सीन के लिए शुल्क वसूल सकते हैं, लेकिन केंद्र ने इसकी ऊपरी सीमा तय कर दी है.
कोविन पर रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं
21 जून से शुरू होने जा रहे टीकाकरण के अगले चरण में Cowin.gov.in पर पहले रजिस्ट्रेशन होना जरूरी नहीं है. सभी सरकारी और निजी टीकाकरण केंद्रों पर ही यह सुविधा लोगों को मुहैया कराई जाएगी.














