शहीदों की आखिरी विदाई पर रो-रहा देश, आतंक को ख़त्म करने की देश ने ली शपथ…

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गुमला के शहीद बेटे का पार्थिव शरीर ला रहे विमान में आई खराबी, रांची से भेजा गया दूसरा हवाई जहाज

रांची । जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के कायराना हमले में शहीद झारखंड के गुमला के बेटे विजय सोरेंग (45) का पार्थिव शरीर शनिवार को एयर इंडिया के विमान से दिल्ली से रांची के लिए भेजा गया, लेकिन पटना में हवाई जहाज में तकनीकी खराबी आ गई। इस कारण रांची से दूसरा विमान भेजा गया है। रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट प्रबंधन की मानें तो दोपहर करीब 3 तीन बजे तक शहीद का पार्थिव शरीर रांची पहुंचेगा। शहीद विजय सोरेंग को एयरपोर्ट पर सलामी दी जायेगी। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, सेना, सीआरपीएफ सहित झारखंड पुलिस के अधिकारी भी शहीद को अंतिम सलामी देंगे। वहां से पार्थिव का शरीर पैतृक गांव गुमला जिला के बसिया प्रखंड के फरसामा ले जाया जायेगा। केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत सिन्हा शहीद के गांव जाकर अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। इसके साथ ही रांची एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में लोग शहीद विजय सोरेंग के शव के आने का इंतजार कर रहे हैं। शहीद सोरेंग के पिता आर्मी के रिटायर्ड जवान हैं। उनकी पत्नी कार्मेला जैप की सिपाही हैं और रांची में ही कार्यरत हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ने गुमला के शहीद बेटे विजय सोरेंग के परिवार को दस लाख की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। 

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शहादत को सलाम: चंदौली पहुंचा शहीद अवधेश का पार्थिव शरीर, पिता ने दी मुखाग्नि

चंदौली  व शरीर शनिवार को उनके पैतृक गांव बहादुरपुर पहुंचा। पार्थिव शरीर को देख पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों के कातर-चित्कार से पूरा गांव गमगीन हो गया।
शहीद के पिता हरिकेश यादव, कैंसर से पीड़ित मां मालती देवी ,पत्नि, भाई बृजेश यादव, बहन पूनम और नीलम पार्थिव शरीर से लिपट कर बिलखने लगी। यह देख वहां मौजूद हजारों लोगों की आंखें भी नम हो गई। शहीद के परिजनों को सांत्वना देने स्थानीय सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.महेन्द्र नाथ पांडेय, स्थानीय जिला प्रशासन के आलाधिकारी आस-पास के गांवों के हजारों नागरिक पहुंचे। शहीद के अन्तिम यात्रा में शामिल होने के लिए हजारों लोग उमड़ पड़े।
डॉ. पांडेय ने शहीद के शव को कंधा दिया। इस दौरान लोग आंखों के आंसू पोंछते हुए अवधेश अमर रहें, अमर रहें के नारे लगाते रहे। शहीद के पार्थिव शरीर का अन्तिम संस्कार गांव में स्थित गंगा तट के घाट पर हुआ। पिता हरिकेश ने बेटे को मुखाग्नि दी।
उल्लेखनीय है कि पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में उत्तर प्रदेश के 12 जवान शहीद हो गए। इनमें चंदौली के जाबाज अवधेश यादव भी थे। अवधेश यादव 45वीं बटालियन में तैनात थे। शहीद 12 फरवरी को ही वापस ड्यूटी पर लौटे थे। अवधेश यादव 2010 में सेना में भर्ती हुए थे, नौकरी के चार साल बाद उन्होंने 2014 में शिल्पी यादव से शादी की थी। अवधेश का दो साल का बेटा निखिल है। 

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शहादत को सलाम: शहीद रमेश यादव का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव

अन्तिम विदाई देने के लिए उमड़ा जन सैलाब

वाराणसी । जम्मू कश्मीर के पुलवामा में कायराना आतंकी हमले में शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान रमेश यादव का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक गांव तोफापुर (चौबेपुर) में लाया गया। शहीद के पार्थिव शव को देख परिजनों के करुण कंद्रन के बीच पूरे गांव में पाकिस्तान के खिलाफ लोगों में गुस्सा फूट पड़ा। पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी के बाद लोगों ने शहीद के सम्मान में भारत माता की जय, वन्देमातरम का गगनभेदी नारे लगाए।
जांबाज शहीद के अन्तिम यात्रा में शामिल होने के लिए तोफापुर में जन सैलाब उमड़ पड़ा। शहीद के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को देख पिता श्याम नारायण यादव, मां, पत्नी रेनू यादव बिलखते हुए पार्थिव शरीर से लिपट पड़ी। इस दौरान शहीद के पिता अफसरों के व्यवहार से नाराज रहे।

यह देख ग्रामीण भी आक्रोशित हो गये। शहीद के पिता ने आरोप लगाया कि अधिकारी परिवार की सहमति के बिना शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर चले गए। शहीद के पिता ने कहा कि अगर यही करना था तो अपने आप अन्तिम संस्कार कर लेते, यहां लेकर आने की क्या जरूरत थी।
शहीद के गांव शोक संवेदना जताने पहुंचे केन्द्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.महेन्द्र नाथ पांडेय को भी परिजनों और ग्रामीणों की नाराजगी झेलनी पड़ी। परिजनों का कहना था कि शहीद के बड़े भाई को बाहर से बुलाने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन ने ली थी, लेकिन अब तक बड़ा बेटा घर नहीं पहुंचा हैं। परिजन उसके आने तक अंतिम संस्कार नहीं करना चाहते थे।
बाद में केन्द्रीय मंत्री डॉ.महेश शर्मा, प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर, जिला प्रशासन के अफसरों के समझाने पर परिजन अन्तिम संस्कार के लिए राजी हुए।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने परिजनों को बताया कि शहीद का परिवार हमारा परिवार है। परिवार की सब मांगे पूरी होंगी और पत्नी को नौकरी के साथ मुआवजे की राशि 25 लाख से बढ़ाने सहित अन्य मांगे पूरी होंगी। रमेश के परिजनों ने नौकरी की मांग को लेकर अफसरों से लिखित आश्वासन लिया। इसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए लेकर निकले। इस दौरान जन सैलाब उमड़ पड़ा। पूरे रास्ते लोग वन्दे शहीद रमेश यादव अमर रहे का गगनभेदी नारा लगाते चल रहे थे।

शहादत को सलाम : कन्नौज में बेटी ने दी शहीद पिता प्रदीप को मुखाग्नि

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कन्नौज । पुलवामा में शहीद हुए कन्नौज जिले के लाल इंदरगढ़ के सुखसेनपुर में रहने वाले प्रदीप सिंह यादव का आज राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी। इस दौरान भारी संख्या में भीड़ मौजूद रही और शहीद की शहादत पर ग्रामीणों ने ‘प्रदीप सिंह यादव अमर रहे’ के नारेबाजी ग्रामीणों ने लगाए।
प्रदीप कुमार अपने पीछे पत्नी नीरज देवी अपनी दो बेटियां दस वर्षीय सुप्रिया और ढाई साल की सोना को छोड़ गए हैं। परिजनों ने बताया कि प्रदीप श्रीनगर में 115 बटालियन में सिपाही थे। चार दिन पहले वह छुट्टी से वापस लौटे थे। 10 फरवरी को परिवार से विदा होकर वह जम्मू रवाना हुए थे। गुरुवार की देर रात उनकी पत्नी को प्रदीप के शहीद होने की खबर मिली।
शनिवार को उनका पार्थिव शरीर पैतृक आवास कन्नौज पहुंचा तो आखिरी दर्शन करने के लिए लोगों का हुजूम इकट्ठा हो गया। बेटी सुप्रिया ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान वह बेहोश भी हो गई। प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा राजनेता शहीद के परिवार को ढांढस बांधने के लिए घर पर मौजूद रहे। 

 

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