नई दिल्ली. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर लगातार तीन दिन हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। 200 से ज्यादा लोग जख्मी हैं, इनमें से 70 को गोली लगी है। इससे पहले मंगलवार को मौजपुर, जाफराबाद और भजनपुरा समेत आसपास के इलाकों में उपद्रवियों ने खुलेआम फायरिंग की। हिंसा दो समुदायों के बीच तनाव में बदल गई। दिनभर सड़कों पर गुरिल्ला वॉर चलता रहा और पुलिस बेबस नजर आई। इतना ही नहीं दंगाइयों ने करावल नगर में अर्धसैनिक बलों पर एडिस फेंका, जिसमें 2 जवान जख्मी हो गए। इसके बाद हिंसाग्रस्त इलाकों में दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए।
Delhi: Early morning visuals from Gokulpuri where security personnel are dousing embers and clearing debris, after yesterday's violence in the area. No incident of violence reported today. Security personnel have been deployed in the area. #NortheastDelhi pic.twitter.com/tkK4zEjcY2
— ANI (@ANI) February 26, 2020
इस बीच दिल्ली के हालात को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने 24 घंटे से भी कम समय में तीसरी बार पुलिस और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। मंगलवार रात को करीब 3 घंटे तक चली इस बैठक में दिल्ली पुलिस के नवनियुक्त स्पेशल कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव भी शामिल हुए। बैठक के बाद एनएसए अजित डोभाल हालात का जायजा लेने के लिए सीलमपुर पहुंच गए। वहीं, शाह ने अपना तिरुअनंतपुरम का दौरा भी रद्द कर दिया।
Delhi: A team of Fire Department is conducting cooling operation at the tyre market in Gokulpuri area; the market was set ablaze on 24th February. #DelhiViolence pic.twitter.com/2VvzvZPavM
— ANI (@ANI) February 26, 2020
दिल्ली में मंगलवार को क्या हुआ?
दंगाइयों ने मौजपुर, भजनपुरा, ब्रह्मपुरी और गोकलपुरी इलाके में पथराव किया। मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास दो गुटों में झड़प के दौरान गोलियां चलीं। जाफराबाद में भी पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। बाद में करावल नगर रोड स्थित चांद बाग में हालात तब बिगड़ गए, जब उपद्रवियों ने पथराव शुरू कर दिया। करीब 4 घंटे तक यहां पथराव होता रहा। कई दुकानों में आग लगा दी गई। बड़ी तादाद में मौजूद पत्थरबाजों को रोकने के लिए शुरुआत में महज 20 पुलिसकर्मी मौजूद थे। बाद में मौके पर पुलिस की टुकड़ी पहुंची।
पार्षद के दफ्तर पर पेट्रोल बम से हमला हुआ
हिंसा के दौरान दंगाइयों ने निगम पार्षद ताहिर हसन के दफ्तर में आग लगा दी। उनके दफ्तर पर पेट्रोल बम से हमला किया गया। इसी दफ्तर की चार मंजिला इमारत की छत पर चढ़कर कई लोग पथराव कर रहे थे। पुलिस टीम ने दोनों गुटों से बातचीत की कोशिश की। करीब 10 मिनट के लिए दोनों पक्ष शांत भी हुए और पत्थरबाजी रुक गई, लेकिन बाद में फिर पथराव और आगजनी शुरू हो गई। शाम 6:30 बजे एक पक्ष के उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पेपर शेल और आंसू गैस के गोले दागे। इसके बाद दूसरे पक्ष ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। चांद बाग में पूरे 4 घंटे बाद पत्थरबाजी रुकी। एसएसबी, आरएएफ और दिल्ली पुलिस की कम्बाइन यूनिट मौके पर पहुंचने के बाद दोनों पक्ष पीछे हटे गए। स्पेशल पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा मौके का मुआयना किया। इलाके में हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।
रतन लाल को गोली लगी थी, मरने वालों की संख्या बढ़कर 20 हुई
गुरू तेग बहादुर अस्पताल के अधिकारियों ने कहा- सोमवार से अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को 5, मंगलवार को 8 और बुधवार को 7 लोगों की मौत हुई। 200 से ज्यादा जख्मी हैं। हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की सोमवार को मौत हो गई थी। पहले यह बताया गया था कि सिर पर पत्थर लगने से उनकी मौत हुई है, लेकिन मंगलवार को ऑटोप्सी रिपोर्ट सामने आई। इसमें खुलासा से हुआ कि रतन लाल को कंधे पर गोली लगी थी और इसी से उनकी जान गई। वे बुखार होने के बाद भी ड्यूटी कर रहे थे। रतन लाल हेड कॉन्स्टेबल मूलरूप से राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे। मरने वाले बाकी लोगों के नाम शाहिद, मोहम्मद फुरकान, राहुल सोलंकी, नजीम, विनोद हैं जबकि दो की पहचान नहीं हो पाई। 42 साल के विनोद की उसके बेटे मोनू के सामने पत्थर लगने से मौत हुई, जबकि मोनू भी घायल है।
दिल्ली के चार इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा- उत्तर पूर्वी दिल्ली में 4 जगहों…मौजपुर और जाफराबाद, चांदबाग और करावलनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं, हिंसा प्रभावित इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है। उन्होंने कहा- हिंसा में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने हिंसा को काबू में करने के लिए पुलिस बल की कमी की बात से इनकार किया और कहा कि जरूरत के मुताबिक बल उपलब्ध कराया गया था। उन्होंने हालात काबू में होने का दावा भी किया। इस बीच, गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ जाने वाले तीन रास्तों को सील कर दिया गया है। गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पांडेय ने कहा- अप्सरा बॉर्डर को सील करके इस रूट के ट्रैफिक को सूर्या नगर की तरफ डायवर्ट कर दिया गया है।
दिल्ली में स्पेशल कमिश्नर की नियुक्ति की गई
दिल्ली में बिगड़ी कानून-व्यवस्था के बाद केंद्र सरकार ने राजधानी के लिए स्पेशल कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर की नियुक्ति की है। आईपीएस एसएन श्रीवास्तव को यह जिम्मेदारी दी गई है। इधर जाफराबाद में सीएए के खिलाफ धरने पर बैठीं महिलाओं से रास्ता खाली करा लिया गया है। यहां पुलिस और आरएएफ ने मोर्चा संभाल लिया है। इस बीच दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में कल भी स्कूल बंद रहेंगे। सीबीएसई से भी बोर्ड परीक्षाओं को टालने की अपील की गई है।
दिल्ली पुलिस की लोगों से अपील: अफवाहों पर ध्यान न दें
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके हालात की जानकारी दी। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा- निगरानी के लिए ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। मैं खास तौर पर उत्तर पूर्वी दिल्ली के लोगों से कानून हाथ में न लेने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करता हूं। रंधावा ने कहा- हिंसा में एक हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की मौत हुई है। 56 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। डीसीपी को सिर में चोट आई है। हिंसा में 150 नागरिक भी घायल हुए हैं। घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि हिंसा से संबंधित सभी चीजें जांच में ली गई हैं। अभी हालात को काबू करना पहली प्राथमिकता है, इसके बाद सभी एफआईआर की जांच की जाएगी। पुलिस ने इस मामले में 11 एफआईआर दर्ज की हैं।
बुजुर्ग ने भीड़ के सामने हाथ दोनों जोड़े तब घर जा पाया
भजनपुरा और यमुना विहार के लोगों ने इलाके का माहौल बयां किया। एक बुजुर्ग ने न्यूज एजेंसी को बताया, ”मैं गंगाराम अस्पताल से लौट रहा था, वहां मेरा पोता भर्ती है। सोमवार रात को घर पहुंचना बहुत मुश्किल था। रास्ते में मुझे कुछ लोग खड़े मिले। मैंने उनसे दोनों हाथ जोड़कर जाने के लिए कहा।” वहीं, भजनपुरा के स्थानीय लोगों ने कहा कि इलाके में पुलिस केवल मेन रोड पर थी। अंदरुनी गलियों में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। पुलिस की मौजूदगी में उग्र भीड़ बाजार की ओर बढ़ती गई और पुलिस कुछ नहीं कर पाई। करीब 200 उपद्रवियों ने एक घर को घेरकर तोड़फोड़ की, लेकिन पुलिस मदद के लिए नहीं आई।
आरएएफ का फ्लैग मार्च, आज मेट्रो स्टेशन खुले
उपद्रवियों ने मंगलवार सुबह मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास और ब्रह्मपुरी इलाके में फिर से पत्थरबाजी की, फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। गोकलपुरी में भी फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों समेत कई वाहनों में आग लगा दी। हिंसा में तीन मीडियाकर्मी भी घायल हुए हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों में अर्धसैनिक बलों की 35 कंपनियां तैनात की गई हैं। ब्रह्मपुरी इलाके में मंगलवार को पथराव के बाद आरएएफ के जवानों ने फ्लैग मार्च किया। डीएमआरसी ने मंगलवार को भी 5 मेट्रो स्टेशन जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकलपुरी, जौहरी एन्क्लेव और शिव विहार बंद रखे। हालांकि, बुधवार सुबह सभी स्टेशन खोल दिए गए।
दिल्ली पुलिस के पास जवान कम, इसलिए हिंसा भड़कती रही
गृह मंत्रालय में हुई बैठक में दिल्ली पुलिस की ओर से बताया गया कि पर्याप्त पुलिस जवान नहीं होने की वजह से हिंसा भड़कती रही। दिल्ली में अर्द्धसैनिक बलों की 35 कंपनियां आई थीं। इनमें से 20 कंपनियों को पिछले तीन दिन से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सुरक्षा में तैनात किया गया है। जैसे ही इस पर सवाल उठे तो पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक खुद सफाई देने आए। उन्होंने कहा- ऐसी खबरें गलत हैं। हमारे पास पर्याप्त पुलिस बल है।
गृह मंत्री ने हालात पर 3 बैठकें कीं, देर रात डोभाल सीलमपुर पहुंचे
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों पर काबू पाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने 24 घंटे के अंदर 3 बैठकें कीं। दिल्ली के नए विशेष आयुक्त (कानून व्यवस्था) एसएन श्रीवास्तव के साथ देर रात तक तीन घंटे बैठक चली। इसके बाद एनएसए अजित डोभाल हालात का जायजा लेने के लिए सीलमपुर पहुंच गए। दंगाग्रस्त इलाकों भजनपुरा, घोंडा, यमुना विहार, चांदबाग, करावल नगर सहित कई इलाकों में मंगलवार तड़के ही हिंसा शुरू हो गई थी। गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 7 बजे से घायल पहुंचने लगे थे। हर 10-15 मिनट में गाेली या पत्थराें से घायल काेई न काेई शख्स पहुंचता रहा।
केजरी ने कहा- राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत
गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस के आला अधिकारी शामिल हुए। बैठक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी दलों को राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत। उन्होने बताया कि बैठक में दिल्ली में पीस कमेटी को फिर से सक्रिय करने पर फैसला हुआ है। उधर, हिंसक घटनाओं को लेकर एक्टिविस्ट हर्ष मंदार ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर कार्रवाई की मांग की। इस मामले में बुधवार को सुनवाई होगी।