
ग्रामीणों ने बारातघर के लिये अपनी निजी जमीन नगर पंचायत को दी थी
आक्रोशित ग्रामीणों से किया प्रदर्शन। बारातघर की सफाई कराने की मांग
किशनी/मैनपुरी – विकास कार्यों के लिये तरस रही नगर पंचायत में अब विरोध के स्वर उठने लगे हैं। करीब तीन सालों तक विकास का इंतजार करने के बाद ग्रामीण अब आक्रोश और प्रदर्शन करने को मजबूर होने लगे हैं। नगर पंचायत के लगभग हर गांव के लोग अब कहने लगे हैं कि नगर पंचारयत के गठन को करीब तीन वर्ष होने को जा रहे हैं पर आज तक विकास क्या होता है किसी ने अपनी आंखों से देखा ही नहीं है। यही हाल गांव हरीसिंहपुर का है। वहां के लोग भी नगर पंचायत द्वारा अनदेखी से परेशान हैं। नगर पंचायत के गांव हरी सिंहपुर में गांव वालों की मांग पर तथा उनकी जरूरत को देखते हुये पूर्व चेयरमैन जैसीराम यादव की पहल पर एक बारातघर का निर्माण शुरू किया गया था। बताते चलें कि उक्त बारात घर के निर्माण के लिये सरकारी जमीन उपलब्ध न होने पर गांव हरीसिंहपुर के सूर्य प्रताप सिंह चैहान, रामेश्वर सिंह चैहान तथा जितेन्द्र सिंह चैहान ने करीब साढे तीन बीघा जमीन नगर पंचायत को दी थी।

इसके बाद जैसीराम यादव द्वारा बारातघर का निर्माण कराया गया था। बारातघर का निर्माण पूरा होता उसके पूर्व निकाय चुनाव में उनकी हार हो गई और नये नगर अध्यक्ष ने कार्यभार संभाल लिया। उसके बाद से ही उक्त बारातघर के दुर्दिन शुरू हो गये। ग्रामीणों की मानें तो नये चेयरमैन ने बारातघर के अन्दर बनाये गये सामुदायिक शौचालय में टाइल्स इत्यादि का काम कराया था। उसके बाद वह एक दिन भी वहां के हालात देखने नहीं आये। आज बारातघर एक भुतहा इमारत के सिवाय कुछ भी नहीं दिख रही है। निर्मित इमारत में लोहे के गेट और खिडकियों में प्रायमर पेंट तक नहीं किया गया है। खिडकियों में न तो कांच लगाये गये गये न ही दरवाजे। बारातघर तक पहुंचने के लिये कोई पक्का रास्ता भी नहीं है। शौचालय में सीट है पर पाइप नहीं। प्रांगण में चारों ओर गहरे गहरे खड्डे और कंटीली झाड़ियों की भरमार है।

वहां पर सांप और अजगरों ने अपना ठिकाना बना लिया है। मुख्य इमारत के चारों ओर घनी कंटीली झाड़ियां खडीं है। बरसात के दिनों में पानी भी इमारत की नींव में ही समाता रहता है। जिससे इमारत के आस्तित्व के लिये खतरा बढता जा रहा है। बारातघर के मुख्य द्वार खुले पडे़ रहने से उसमें अराजक तत्वों जिनमें जुआरी और सटोरियों का भी आना जाना बेखौफ होता रहता है। कुल मिलाकर इमारत भुतहा महल बनकर रह गई है।
रविवार को गांव हरीसिंहपुर के सूर्यप्रताप सिंह चैहान, सुरेन्द्रसिंह चैहान, शिवबीर सिंह चैहान, बाबूराम, रामप्रताप राजाबत, राहुल कमल, रामू राजाबत, नरेन्द्र सिंह, विवेक चैहान, रूपसिंह कमल, सुनील चैहान, भोजराज सिंह, जितेन्द्र चैहान, मुस्ताक अली, सांनू सिंह आदि ने बारातघर में प्रदर्शन किया और डीएम से मांग की कि वह हस्तक्षेप कर नगर पंचायत के ईओ को बारातघर की साफ सफाई तथा पैंन्टिंग आदि कराने का आदेश दें। ताकि करोड़ों की लागत से बनी इमारत को समय पूर्व खंडहर होने से बचाया जा सके तथा गांव के कुछ गरीब अपनी बेटी की बारात का सुविधायें न होने पर भी उसमें आवभगत कर सकें।










