
सुजौली/मिहींपुरवा,बहराइच l मोतीपुर तहसील अंतर्गत सुजौली ग्रामसभा में ग्रामसमाज का लगभग 2 एकड़ का तालाब जिसका गाटा संख्या 454क व रकबा 1.825 है जो कि आज भी तालाब के रूप में है ।
कुछ वर्षों पहले राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से गाँव के ही एक समीउल्लाह अंसारी ने अपने नाम करवा लिया जिसकी तरफ राजस्व विभाग का ध्यान नही जा रहा है ।
आपको बताते चले की सी एच् 41 में तालाब व नाला जिसका रकबा 1.825 दर्ज अभिलेख है लेकिन सी एच 45 में तालाब का रकबा कम करके 0.57 कर दिया गया बाकी का रकबा फर्जी तरीके से ग्रामनिवासी समीउल्लाह अंसारी ने अपने नाम दर्ज करवा लिया है
ग्रामीणों का कहना है कि इस तालाब से पहले लोग अपने घरों की लेसई पुताई के लिए मिट्टी निकालते थे व पूरी ग्रामसभा में बनी पक्की नाली जिसकी लम्बाई लगभग 300 मी0 है इस नाली के जरिये गाँव का पानी इसी तालाब में आकर गिरता था लेकिन चकबन्दी के समय राजस्व कर्मियो की मिलीभगत से तालाब किसी के नाम हो जाने के कारण ग्रामवासियो को काफी कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ।
अब सवाल यह उठता है कि किसी भी तालाब की भूमि किसी के नाम नही की जाती है तो फिर ये फर्जी तरीके से तालाब की भूमि किसके आदेश से समीउल्लाह अंसारी के नाम दर्ज की गई ।
एक तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी ने तालाब व सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करने के आदेश दिए है तो वही दूसरी तरफ राजस्व विभाग की ये बड़ी लापरवाही का विषय बना हुआ है
ये एक जांच का विषय है ।








