खेती की लागत कम करके उत्पादन बढ़ाने की तकनीक सीख रहे किसान

जिलाधिकारी ने किसानों से किया प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान

भास्कर न्यूज वाराणसी-
अंधाधुंध उर्वरकों के प्रयोग की प्रवृत्ति अब खतरनाक मोड़ पर है,समय रहते यदि हम सावधान नही हुए तो हरित क्रांति से उपजी खुशहाली का रंग यदि फीका पड़ जाय तो आश्चर्य नही।ऐसे मे अब हमे जीरो बजट प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर होना पड़ेगा।उक्त विचार लोकभारती के सम्पर्क प्रमुख एवं कृषि समृद्धि आयोग के सदस्य श्रीकृष्ण चौधरी ने बुधवार को लेड़ुवाई गाँव मे आयोजित कृषक प्रशिक्षण मे उपस्थित किसानों के बीच ब्यक्त किये।


जीरो बजट खेती के प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि जीरो बजट खेती को अपनाकर किसान मुख्य फसल का लागत मूल्य उसके साथ बोई जाने वाली सहफसलों से ही निकाल सकते हैं।इतना ही नही बल्कि खाद बीज व कीटनाशक बाजार से न खरीदकर किसान अपने अपने घर या खेत पर ही तैयार कर सकते हैं।जीरो बजट खेती को अपनाने से न सिर्फ खेती की लागत कम होगी बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।उन्होंने बताया कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाने से फसलों पर प्राकृतिक आपदा व बीमारियों का प्रकोप नही होता है जिससे फसलें सुरक्षित रहती हैं और फसल सुरक्षा पर अनावश्यक खर्च भी नही करना पड़ता।
लोक भारती व कृषि विभाग के संयुक्त तत्वाधान मे माडल ब्लाक सेवापुरी मे चलाये जा रहे गौ आधारित प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण अभियान मे लोक भारती किसानों को खेती की लागत कम करके आमदनी बढ़ाने के गुर सिखा रही है।


काशी प्रान्त के गोसेवा प्रमुख अरविंद कुमार ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक देशी गाय से 10 से 30 एकड़ तक सफलता पूर्वक गौ आधारित प्राकृतिक खेती आसानी से की जा सकती है।इतना ही बल्कि गाय के गोबर व गोमूत्र का प्रयोग से बीजामृत, जीवामृत व घनजीवामृत बनाने मे किया जाता है।उन्होंने गाय के दूध व गोमूत्र के औषधीय महत्व पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।


जिलाधिकारी ने किया प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान-

बुधवार को पूर्वाह्न मे जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के आवास पर बीजामृत व जीवामृत बनाकर गौ आधारित प्राकृतिक खेती की शुरुआत की गयी।जिलाधिकारी के आवास पर अब गौ आधारित प्राकृतिक खेती की जायेगी।जिलाधिकारी ने गौ आधारित प्राकृतिक खेती की शुरुआत करते हुए जनपद के किसानों से गौ आधारित प्राकृतिक अपनाने का आह्वान किया।


किसानों ने सुनाई सफलता की कहानी
लेड़ुवाई के साथ ही चित्रसेनपुर मे भी गौ आधारित प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम मे रायबरेली के शेषपाल सिंह,संजय वर्मा आदि ने प्राकृतिक खेती पर अपने अनुभवों को साझा करते किसानों को जीवामृत,घनजीवामृत,बीजामृत,अग्निअस्त्र, नीमास्त्र आदि के सम्ब़ध मे बिस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।

इस दौरान जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्या, सहायक निदेशक मृदा परीक्षण राजेश कुमार राय,खण्ड तकनीकी प्रबंधक देवमणि त्रिपाठी,रामा सिंह,डा.डी.पटेल,अवध नारायण गिरि,आशीष सिंह,ओम प्रकाश दुबे,रणविजय राय, रामआसरे सिंह,मगन बिहारी पाठक,हरिदास मौर्य,अनिरूद्ध यादव आदि ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

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