रश्मिका मदाना के डीपफेक मामले पर FIR दर्ज, जानिए क्या है पुलिस का अगला कदम

नई दिल्ली। एक्ट्रेस रश्मिका मदाना वायरल हो रहे डीपफेक वीडियो पर दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है। मामले में दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने भी चिंता जताई है और दिल्ली पुलिस पुलिस से शिकायत की थी। दिल्ली पुलिस ने बताया कि डीसीडबल्यू ने रश्मिका मदाना के डीपफेक वीडियो मामले में स्वत: संज्ञान लेकर शिकायत की थी। यह वीडियो कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर वायरल हो रहा है। आयोग ने चिंता जताई है और इस संबंध में की गई कानूनी कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है।

दिल्ली पुलिस ने शुरू की जांच

पुलिस ने कई धाराओं में मामला दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि हम तकनीकी विश्लेषण कर रहे हैं और आरोपी की पहचान करने के लिए मेटा और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से विवरण हासिल कर रहे हैं। अभी तक किसी भी आरोपी को हिरासत में नहीं लिया गया है। हम आरोपियों को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

क्या बोलीं रश्मिका मदाना

एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘मुझे इस वीडियो को शेयर करते हुए बुरा लग रहा है। मुझे मुझसे जुड़ा स्प्रेड किए जा रहे डीपफेक वीडियो पर बात करनी पड़ी। ऐसा कुछ भी बहुत ही डरावना है। न सिर्फ मेरे लिए बल्कि हम सबके लिए क्योंकि टेक्नोलॉजी का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने आगे लिखा, ‘एक महिला और एक्टर होने के नाते मैं अपने परिवार, दोस्तों और वेल विशर्स का शुक्रिया अदा करती हूं, जो मेरे सपोर्ट सिस्टम हैं। लेकिन अगर ऐसा कुछ मेरे साथ तब होता, जब मैं स्कूल या कॉलेज में होती, मैं सोच भी नहीं सकती तब इस सिचुएशन को मैं कैसे हैंडल करती। इससे पहले कि इस तरह की घटना और हो, हमे इसके बारे एक्शन लेगा होगा।’

क्या होता है डीपफेक वीडियो?

डीपफेक एक तरह का सिंथेटिक मीडिया है। इसमें एआई के इस्तेमाल से किसी फोटो या वीडियो को किसी और के चेहरे से मॉर्फ किया जा सकता है।

आईटी मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

सूत्रों के अनुसार, वायरल डीपफेक वीडियो के मामले में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए जारी एडवाइजरी में डीपफेक को कवर करने वाले कानूनी प्रावधानों और उनके निर्माण व प्रसार पर लगने वाले दंड के बारे में बताया है। केंद्र सरकार ने सूचना आईटी एक्ट 2000 की धारा66 D का हवाला देते हुए एडवाइजरी में बताया कि जो कोई भी किसी भी संचार उपकरण या कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके धोखाधड़ी करता है, उसे सजा दी जाएगी। अपराधी को तीन साल तक की जेल हो सकती है और उस पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें