
भास्कर समाचार सेवा
बिजनौर।एडीएम फाइनेंस अरविंद सिंह,एसडीएम सदर विजयवर्धन तोमर और सीओ सदर अनिल कुमार की मौजूदगी में भाकियू प्रतिनिधिमंडल और जिले के बिजली एस ई, एलडीएम बंसल व बिलाई चीनी मिल के साथ चड्ढा ग्रुप की बिजनौर और चांदपुर जीएम कैन से पहले दौर की वार्ता विफल हो गई। वार्ता में भाकियू पदाधिकारियों ने दो टूक कहां कि पेमेंट होगा या नहीं, बिजनौर गुलदार मुक्त होगा कि नहीं और जिन किसानों ने अपने नलकूप का कनेक्शन कराने के लिए सामान्य योजना में रजिस्ट्रेशन कराकर पैसे भी जमा कर दिए उनका कनेक्शन होगा या नहीं तो प्रशासन की मौजूदगी में बिलाई मिल जीएम ने भाकियू की बकाया भुगतान को एकमुश्त भुगतान करने की मांग पर असमर्थता जताते हुए दिसंबर के लास्ट तक संपूर्ण गन्ना बकाया भुगतान करने की बात की तो भाकियू पदाधिकारियों ने आक्रोशित होकर वार्ता का बहिष्कार कर दिया और पंचायत स्थल पर लौट कर आपस में निर्णय लिया कि या तो प्रशासन हमारा आज भुगतान कराएं अन्यथा चढ्ढा ग्रुप और बजाज ग्रुप के मालिकों, या जीएम को गिरफ्तार करें और भुगतान न होने तक छोड़ा न जाएं। भाकियू पदाधिकारियों ने प्रशासन को एक घंटे का समय देकर चीनी मिल जीएम या मालिकों के गिरफ्तार न होने पर आज से ही बिजनौर से भाकियू के वार्ता में जाने वाले 25 पदाधिकारियों से जेल भरो आंदोलन शुरू करने की घोषणा कर दी। भाकियू की पहले दौर की वार्ता में जाने वालो में भाकियू मण्डल अध्यक्ष बाबूराम तोमर, जिला अध्यक्ष चौधरी सत्यवीर सिंह, युवा जिला अध्यक्ष सरदार वरिंदर सिंह बाठ, प्रदेश महासचिव रामअवतार सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह, प्रदेश सचिव जितेंद्र पहलवान, पश्चिमी यूपी महासचिव चौधरी कुलदीप सिंह, होशियार सिंह, दिनेश कुमार, विजय पहलवान, महावीर सिंह, धर्मेंद्र राणा, सोमपाल सिंह, सुनील प्रधान, नरदेव सिंह, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष गजेंद्र टिकैत, डॉक्टर विजय चौधरी, संजीव कुमार, देवदत्त शर्मा, मदन राणा, अवनीश कुमार, धर्मेंद्र सिंह, वरुण गुज्जर, कविराज सिंह, विनीत कुमार, बलजीत सिंह, महिपाल सिंह आदि ने जिला प्रशासन से भाकियू के 25 सदस्य पहले जत्थे को जेल भेजने की मांग की जिसपर प्रशासन की सांसे फूल गई।