
– यदि हालात नहीं सुधरे तो जनपद के हजारों किसान देंगे धरना
– गौवंश को समुचित दाना व हरा चारा न मिलने पर ब्यक्त की नाराजगी
– व्यवथापक ने बताया कि 134 गायों को देते हैं 100 किलो दाना
किशनी/मैनपुरी- नगर पंचायत के गांव जिजई स्थित कान्हा पशु आश्रय योजना के तहत बनाई गई। गौशाला में गायों की खस्ता हालत पर भारतीय किसान यूनियन किसान के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उन्हें काफी दिनों से सूचनायें मिल रही थीं कि वहां पर गौवंश को भूखा रखा जाता है और दाना बेच दिया जाता है।

भारतीय किसान यूनियन किसान के राष्ट्रीय व जिला स्तर के नेताओं ने रविवार को नगर पंचायत की गौशाला में आकर गौवंश की व्यवस्था को देखा। सारे किसान नेता करीब दस बजे गौशाला पहुंच गये। वहां के हालात देखकर राष्ट्रीय महासचिव शीलेष दुबे ने ईओ अभय रंजन को फोन पर सारी अब्यवस्थाओं के बारे में अवगत कराया। चूंकि ईओ जनपद में होने के कारण मौके पर नहीं पहुंच पाये थे तो उन्होंने गौशाला की ब्यवस्था करने बाले वरूण मिश्रा को मौके पर भेजा। वरूण मिश्रा ने बताया कि गौशाला में कुल 134 गौवंश है। वह उनको दो बोरियां दाना रोजाना डालते हैं। इस पर किसान नेता बिफर उठे।
उनका कहना था कि एक गाय को एक बार में एक किलो दाना भी नहीं दिया जायेगा तो भीषण सर्दी के दौरान गायों की असमय मौतों में इजाफा जरूर हो जायेगा। उन्होंने गौशाला की साफ सफाई पर भी प्रश्न उठाया कि वहां पर समुचित साफ सफाई नहीं की जाती है। शीलेष दुबे का कहना था कि वह किसी धन्नासेठ के परिवारों से नहीं हैं। वह किसान है उनके परिजन भी किसान ही हैं। उन्हैं पता है कि गौवंश को क्या खिलाया जाता है और क्या खिलाया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि ब्यवस्थापक झूठ बोल रहा है। 134 गायों को एक कुंतल नहीं बमुश्किल पचास किलो दाना दिया जाता है। उन्होंने नादों में भरे भूसे को हाथों में लेकर सभी को दिखाते हुए पूछा कि आप दाना का एक कण भी दिखादो। जिलाध्यक्ष शिवाकान्त दुबे ने कहा कि नगर पंचायत की कई बीघा जमीन पर दूसरे लोग फसल पैदा कर रहे हैं।

पर नगर पंचायत गौवंश के लिये हरा चारा नहीं बो सकती है। गौशाला में पडे़ पराली के ढेर को देखकर उन्होंने कहा कि भूख से ब्याकुल गायों को यही पराली खिलाई जा रही हैं। उन्होंने डीएम तथा एसडीएम को भी कई बार फोन करने का प्रयास किया पर किसी कारण वश फोन नहीं उठ पाया। गौशाला की ब्यवस्था देखकर सारे किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि वह दुबारा किसी दिन अचानक गौशाला में आयेंगे और हालात यदि यही रहे तो वह सैकड़ों व हजारों कार्यकर्ताओं के साथ गौशाला में ही धरने पर बैठ जायेंगे और मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचा कर रहेंगे। उन्होंने चेताया कि एक तरफ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ गौवंश के रखरखाव के लिये लगातार प्रयास कर रहे हैं। वह जहां भी जाते हैं गौ सेवा करना अपना धर्म समझते हैं। वहीं दूसरी ओर निचले स्तर के अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार में डूबे हैं। यही कारण है कि गौशाला की कई गायें काफी कमजोर हैं। किसान नेताओं ने भूसा और दाना की खरीद के रजिस्टर के बारे में जानकारी चाही जिसे ब्यवस्थापक उपलब्ध नहीं करा सका। जिलाध्यक्ष कन्नौज ने कहा कि चेयरमैन सिर्फ चेयर पर बैठने के लिये नहीं चुना जाता है। वह जनसेवक होता है उसे भी कभी कभार आकर ब्यवस्थाओं को चैक करना चाहिये।
ये किसान नेता गये थे गौशाला
किशनी- गौशाला में गौवंश का हालचाल लेने के लिये राष्ट्रीय महासचिव शीलेष दुबे,प्रदेश महामंत्री रोबिनसिंह चैहान, जिलाध्यक्ष शिवाकान्त दुबे, जिलाध्यक्ष कन्नौज राजा शुक्ला, जिला सचिव सुभाष यादव, विजय कुमार यादव, घनश्याम यादव, मंत्री मनोज शर्मा, रमन यादव, आलोक यादव, समीर चैहान, प्रभाष गुप्ता आदि नेता मौजूद रहे।
रोज मरतीं हैं किशनी की गौशाला में गायें – आधार यादव स्थानीय नागरिक
किशनी- गौशाला में मौजूद किसान नेताओं के बीच अचानक पहुंचे गांव जिजई निवासी आधार यादव पुत्र जबर सिंह यादव ने कहा कि गौवंश के पालन के लिए यहां पर सामान तो काफी आता है। पर गायों को दिया नहीं जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि गौशाला में रोजाना औसतन एक गाय की मौत हो रही है। एक गाय कल मरी एक परसों मरी। यहां के कर्मचारी रोज एक गाय को लाद कर ले जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गौशाला में कोई डॉक्टर भी नहीं आता है। गौशाला के कर्मचारी चुपचाप गायों को ले जाकर दफना देते हैं। यहां पर कोई ब्यवस्था नहीं है। गायों का बहुत बुरा हाल है।
अभयरंजन ईओ
हमारे यहां गौवंश की ब्यवस्था अन्य गौशालाओं की तुलना में काफी अच्छी है। यहां का गौवंश जनपद की अन्य गौशालाओं की तुलना में काफी हृष्टपुष्ट हैं। हमने करीब दस बीघा हरा चारा बोया है। जिसे तैयार होने में कुछ समय लगेगा।










