गाजियाबाद हादसा: योगी सरकार का बड़ा ऐलान, मृतकों के परिजनों को मिलेगा 10 लाख का मुआवजा, नौकरी का भी वादा

गाजियाबाद। मुरादनगर श्मशान घाट हादसे को लेकर आज पीडित परिवारो और जनता का गुस्सा फूट पडा ।विरोध स्वरूप पीडितो ने आधा दर्जन डेड बाॅडीज को दिल्ली मेरठ रोड पर रखकर जाम लगा दिया। जिसके चलते लगभग दस किमी लम्बा जाम दिल्ली मेरठ रोड पर लग गया। जाम को लेकर प्रशासन में हडकम्प मच गया। लगभग आठ घन्टे की मशक्कत के बाद प्रशासन ने पीडितो की मांगो को शासन के पास अग्रसारित करने का भरोसा देकर जाम को खोलने के लिए उन्हें तैयार किया। पीडितो की मांग थी कि मृतको के आश्रितो को मुआवजा राशि दो लाख से बढाकर दस लाख की जाये ,भूमिहीन परिवारो को काशीराम योजना में आवास दिया जाये और पीडित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी उपलब्ध करायी जाये। इसके अलावा इस हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियो और कर्मचारियो के खिलाफ विधिक कार्रवाई के साथ उनकी तमाम सम्पत्ति कुर्क की जाये।  गौर तलब है कि रविवार को मुरादनगर थाना क्षेत्र स्थित उखलारसी गांव के श्मशान घाट की छत का लेन्टर गिर गया था जिसमें लगभग 25 लोग मारे गये थे  और दो दर्जन लोग गम्भीर रूप से घायल हो गये थे। घायलो को विभिन्न अस्पतालो में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।


जैसे ही आज सुबह बडी संख्या में  पीडितो ने दिल्ली मेरठ रोड पर मुरादनगर थानेे के समीप आधा दर्जन डेड बाॅडीज रखकर जैसे ही जाम लगाया ,तो मेरठ मंडल की कमिशनर अनीता सी मेश्राम , एडीजी प्रवीण कुमार,जिलाधिकारी डा0 अजयशंकर पाण्डे व एसएसपी कलानिधि नैथानी मौके पर पहुंच गये और प्रदर्शनकारियो से जाम खोलने के लिए कहा लेकिन उन्होने साफ मना कर दिया और कहा कि पहले उनकी मांगो को  मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के समक्ष रखा जाये या मुख्यमंत्री स्वयं घटना  स्थल पर आये तब जाम खोला जायेगा। लगभग आठ घन्टे बाद प्रशासनिक अधिकारियो ने प्रदर्शनकारियो को बताया कि दस लाख रूपये उन्हें मुआवजा देने की मांग शासन ने स्वीकार कर ली है और शेष मांगो को भी अधिकारिक चैनल के द्वारा शासन को भेज दी गयी है। इसके बाद प्रदर्शनकारियो ने जाम खोल दिया। जाम को देखते हुए रूट डायवर्जन भी किया गया। जिलाधिकारी डा0 अजयशंकर पाण्डे ने बताया कि सभी शवो का अन्तिम संस्कार आज उनके परिजनो और रिश्तेदारो ने कर दिया है।

-शमशानघाट हादसे के आरोपियो को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया-
-गाजियाबाद।  जनपद के  मुरादनगर नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी निहारिका चैहान जूनियर इंजीनियर सीपी सिंह व सुपरवाइजर आशीष को पुलिस ने आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जहां तीनों आरोपियो को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया । तीनों को दोपहर बाद कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत लाया गया था। इससे पहले तीनों के खिलाफ मुकदमा 304  ए 337 ए 338 ए 427 ए 409 आईपीसी की धाराओं में  दर्ज हुआ था।इस मामले में रविवार की देर रात उखरालसी  निवासी दीपक ने मुराद नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उनके पिता जय राम का निधन हो गया था जिसके अंतिम संस्कार के लिए वह लोग  श्मशान घाट पर गए थे । करीब 12रू00 बजे जब अंतिम संस्कार की प्रक्रिया चल रही थी तभी बारिश आ गई और लोग गलियारे में जाकर खड़े हो गए । इसी दौरान गलियारे का  लेंटर भरभराकर गिर गया और उसमें लोग दब गए। इसमें 25 लोगों की मौत हो गई और दर्जनो  घायल हो गए । दीपक ने रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि यह गलियारा कुछ दिन पहले बनाया गया था जिसमें घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल हुआ था। लेकिन अधिशासी अधिकारी निहारिका सिंह जूनियर इंजीनियर सीपी सिंह आशीष अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण उसमें घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया।  जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग मारे गए।  एसपी ग्रामीण इराज राजा ने बताया की सारिका सिंह सीपी सिंह आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि ठेकेदार अजय त्यागी को तलाशा जा रहा है।

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