लड़की के इस पोस्टर से PAK में मचा बवाल, ‘पैर फैलाकर’ बैठने पर किया जाएगा रेप!

'पैर फैलाकर बैठी लड़की' के पोस्टर से PAK में बवाल, दे रहे रेप की धमकी

कुछ महिला अधिकारियों द्वारा पाकिस्तान में एक मार्च निकाला गया, जिसमें एक मामूली से पोस्टर की वजह से जंग छिड गयी. बताते चले इस पोस्टर की वजह से मार्च आयोजित करने वाली महिलाओं को बलात्कार  की धमकियां मिल रही हैं. ऐसा सिर्फ पाक के पुरुष ही नहीं, बल्कि कुछ स्त्रीवादी महिलाएं भी हैं, जो इसके विरोध में  आ गई हैं.

खबरों के मुताबिक

ये विवादित पोस्टर सोशल मीडिया पर एक तेजी से वायरल हो रहा है, उसमें एक लड़की को पैर फैलाकर बैठी हुई दिखाया गया है. इस पोस्टर को कराची में पढ़ाई करने वाली छात्राएं रुमिसा लखानी और रशीदा शब्बीर हुसैन ने तैयार किया था

'पैर फैलाकर बैठी लड़की' के पोस्टर से PAK में बवाल, दे रहे रेप की धमकी

इस वायरल पोस्टर में उर्दू में लिखा गया है- “यहां, मैं बिल्कुल सही तरीके से बैठी हूं.” पोस्टर की लड़की धूप के चश्मे भी पहनी हुई है. इसे तैयार करने वाली 22 साल की छात्राएं रुमिसा और रशीदा हबीब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करती हैं.

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक रुमिसा कम्युनिकेशन डिजाइन की छात्रा हैं, जबकि रशीदा सोशल डेवलपमेंट एंड पॉलिसी की पढ़ाई कर रही हैं. दोनों बेस्ट फ्रेंड भी हैं.

इस मामले में रुमिसा कहा

“‘औरत’ नाम के प्रदर्शन में हिस्सा लेना बेहतरीन एहसास था. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया था. साथ ही एलजीबीटी समुदाय के लोग भी शरीक हुए थे.”

सोशल मीडिया पर भी इन कट्टरपंथियों के खिलाफ हल्ला बोला जा रहा है. कट्टरपंथियों ने औरतों के प्रदर्शन को लेकर कहा कि उन्हें ऐसे समाज की जरूरत नहीं है. इस औरत मार्च के आयोजकों में से एक महिला मोनीजा ने कहा, “प्रदर्शन के बाद रेप और हत्या की धमकी मिलना आम बात हो गई है.” इस मार्च के आयोजकों को सोशल मीडिया पर रेप की धमकी दी गई है.

इस बारे में पाकिस्तन की एक स्त्रीवादी महिला किश्वर नहीद ने कहा है कि रुमिसा और रशीदा के बनाए पोस्टर अन्य पोस्टर देश की परंपरा और मूल्यों के अपमान समान थे.

'पैर फैलाकर बैठी लड़की' के पोस्टर से PAK में बवाल, दे रहे रेप की धमकी

सोशल मीडिया पर ज्यादातर आयोजकों को रेप की धमकी दी गई है. एक प्रमुख स्त्रीवादी मानी जाने वालीं किश्वर नहीद ने कहा है कि रुमिसा और रशीदा के बनाए प्लेकार्ड और अन्य पोस्टर परंपरा और मूल्यों के अपमान समान थे. हालांकि, बहुत लोगों ऐसे भी हैं जो पोस्टर और मार्च का समर्थन कर रहे हैं.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें