लखनऊ : आयुष्मान कार्ड को देख भड़का अस्पताल प्रशासन, कहा- जाओ प्रधानमंत्री से ही करा लो इलाज  

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लखनऊ ; यूपी की राजधानी लखनऊ के  केजीएमयू  अस्पताल में कुछ न कुछ नए मामले अक्सर देखने को मिलते है. मगर इस ममले ने पूरे सिस्टम को हिला कर रख दिया। मरीज इलाज के लिए तरस रहे और कर्मचारी बोल रहे कुछ ऐसी बात, बताते चले  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘आयुष्मान भारत’ के तहत शाहजहांपुर से उपचार करवाने पहुंचे करंट से झुलसे युवक को केजीएमयू में मुफ्त इलाज नहीं मिला। तीमारदार का आरोप है कि काउंटर पर कार्ड दिखाते ही कर्मचारी ने कैश की मांग की। कार्ड दिखाने पर तैश में कहा-जाओ प्रधानमंत्री से इलाज करा लो।

वहीं, तीमारदार की शिकायत पर पहुंचे भाजपा विधायक रोशनलाल वर्मा का भी आरोप है कि डॉक्टरों व कर्मचारियों ने उनसे अभद्रता की। उन्होंने कहा-शासन को मैंने इसकी जानकारी दे दी है। मैं मामले को विधानसभा में उठाऊंगा। उधर, अस्पताल आने के 18 घंटे बाद भी मरीज को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल सका।

शाहजहांपुर जिले के महउ दुर्ग गांव निवासी 28 वर्षीय कमलेश बिजली विभाग में संविदाकर्मी है। दो दिन पहले तार जोड़ते वक्त वह करंट से झुलस गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से सोमवार को रेफर कर दिया गया। परिवारीजन उसे लेकर देर रात केजीएमयू पहुंचे।

आरोप  है कि यहां काफी मिन्नतों पर कैजुअल्टी वार्ड में भर्ती किया गया। डॉक्टर ने ड्रेसिंग के लिए पट्टी, दवाओं की पर्ची थमाते हुए कुछ जांचें भी लिखीं। कमलेश के चाचा हरिशंकर का आरोप है कि उन्होंने ‘आयुष्मान भारत’ योजना का कार्ड दिखाया, जिसे कैश कांउटर पर बैठे कर्मचारी ने फेंक दिया। इसके बाद बोला- यहां तो पैसे लगेंगे।

विधायक से भी हुई अभद्रता

केजीएमयू में भर्ती संविदा कर्मचारी कमलेश

डॉक्टर के पास गए तो उन्होंने कोई मदद करने के इंकार कर दिया। परेशान हरिशंकर ने इसके बाद तिलहर से भाजपा विधायक रोशनलाल वर्मा को सूचना दी। लखनऊ में होने के चलते वह ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। विधायक का आरोप है कि उनसे भी अभद्रता हुई।

उच्चाधिकारियों से बातचीत के बाद गांधी वार्ड में भर्ती मरीज का इलाज तो शुरू हुआ, लेकिन जांच और मरहम पट्टी के पैसे जमा करने पड़े। कागजात जमा कराने पर भी आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिला। तीमारदार मंगलवार शाम चार बजे तक 4800 रुपये खर्च कर चुका था।

अब तक 4800 रुपये हो चुके खर्च 
मेरा भतीजा केजीएमयू में भर्ती है। आयुष्मान का कार्ड दिखाया तो कहा गया ‘पैसा दो तभी जांच होगी। जाओ प्रधानमंत्री मोदी से पैसा लाओ।’ इसके बाद मैंने पैसा जमा किया, तब जांच शुरू हुई। ड्रेसिंग के लिए मरहम पट्टी तक खुद लेकर आया। इतना ही नहीं अपने हाथ से पट्टी भी करनी पड़ी। कहा गया था कि सुबह पंजीयन होने के बाद दवाएं बाहर से नहीं खरीदनी पड़ेगी। इसके बाद भी ऐसा करना पड़ रहा है। अब तक 4800 रुपये खर्च कर चुका हूं। — हरिशंकर, तीमारदार

अभद्रता करने वाले ने मांग ली माफी
‘आयुष्मान भारत’ योजना का कार्ड अस्पताल में सुबह 10 बजे से चार बजे तक पंजीकृत किया जाता है। मरीज देर रात आया था। इस वजह से पंजीयन नहीं हो पाया। कागजात जमा कर लिए गए हैं। पंजीयन होने के बाद पूरा इलाज नि:शुल्क किया जाएगा। जहां तक अभद्रता का सवाल है, कर्मचारी ने विधायक और तीमारदार से माफी मांग ली है। उन्होंने माफ करने की बात कही है। – संतोष कुमार, मीडिया प्रभारी, केजीएमयू

एक-दो दिन में व्यवस्थाएं हो जाएंगी दुुरुस्त

विधायक बोले-जब मुझसे अभद्रता तो बाकी से कैसा होता होगा बर्ताव 

आयुष्मान योजना में पांच लाख रुपये तक गरीबों का इलाज करने का प्रावधान है। लेकिन यहां कैश काउंटर के कर्मचारियों ने मुफ्त इलाज से मना कर दिया। कहा, प्रधानमंत्री से इलाज कराओ। तीमारदार के फोन करने पर मैं यहां आया। डॉक्टरों से बात की तो उन्होंने पहले अभद्रता की। बाद में कहा कि इलाज कराएंगे। मामले की प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से शिकायत करूंगा। शासन को बता दिया है। मामला सदन में भी उठाऊंगा। केजीएमयू में जब विधायक से अभद्रता हो रही है तो आम लोगों के साथ कैसा बर्ताव होता होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। – रोशन लाल वर्मा, विधायक तिलहर

आयुष्मान में सूचीबद्ध अस्पताल में मरीज के पहुंचते ही उसका मुफ्त इलाज होने का नियम है। अन्य अस्पताल में तत्काल सुविधाएं दी जा रही हैं। केजीएमयू में अभी तक आयुष्मान के सेटअप ऑनलाइन नहीं हो सके हैं। इस वजह से दिक्कत आई थी। केजीएमयू प्रशासन से वार्ता हुई है। एक-दो दिन में व्यवस्थाएं सही हो जाएंगी। – डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ लखनऊ

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