
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ की। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश एकसाथ चल रहा है। ताली, थाली ने देश को प्रेरित किया है। ऐसा लग रहा है कि महायज्ञ चल रहा है। हमारे किसान खेत में मेहनत कर रहे हैं कि कोई भूखा नहीं रहना चाहिए। कोई मास्क बना रहा है, तो कोई क्वारैंटाइन में रहते हुए स्कूल की पुताई कर रहा है। कोई पेंशन माफ कर रहा है। यह उमड़ता-घुमड़ता भाव ही लड़ाई को पीपल ड्रिवन बना रहा है।
उन्होंने कहा, ‘बहुत ही आदर के साथ 130 देशवासियों की इस भावना को नमन करता हूं। सरकार ने कोविडवॉरियर्स.जीओवी.इन प्लेटफॉर्म भी तैयार किया है। इसमें सरकार ने सभी को एक-दूसरे से जोड़ दिया है। इससे सवा करोड़ लोग जुड़ चुके हैं। आशा कार्यकर्ता, नर्स सभी जुड़े हैं। ये लोग योजना बनाने में मदद भी कर रहे हैं। हर लड़ाई कुछ न कुछ सिखाकर जाती है। कुछ मार्ग बनाती है, मंजिलों की दिशा भी देती है। भारत में नए बदलाव भी हुए हैं। हर सेक्टर तकनीकी बदलाव की तरफ बढ़ रहा है। देश का हर इनोवेटर नया निर्माण कर रहा है।’ प्रधानमंत्री का यह इस साल का चौथा और मन की बात का कुल 64वां संस्करण है। इससे पहले पीएम मोदी ने 29 मार्च को मन की बात की थी।
मोदी के भाषण की अहम बातें
1) देश एक टीम की तरह काम कर रहा
मोदी ने कहा, ‘जब देश एक टीम बनकर काम करती है, तब हम देखते हैं कि कितना बेहतर हो सकता है। दवाइंया पहुंचाने के लिए लाइफलाइन उड़ान सेवा चल रही है। कई टन दवाएं एक से दूसरे हिस्से में पहुंचाई गई हैं। 60 से ज्यादा ट्रैक पर पार्सल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। डाक सेवा भी मजबूती से काम कर रही है। गरीबों के अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जा रहे हैं। गरीबों को सिलेंडर और राशन दिया जा रहा है।’
2) पुलिस को लेकर सोच में भी बदलाव आया
उन्होंने कहा, ‘स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकारों की कोरोना से लड़ाई में अहम भूमिका है। हाल ही में जो अध्यादेश लाया गया है, स्वास्थ्यकर्मियों ने इसकी प्रशंसा की है। ऐसे स्वास्थ्यकर्मी जो कोरोना से लड़ाई में लगे हुए हैं, उन पर हमला करने वालों को सजा का प्रावधान किया गया है। पहले की बजाय पुलिस को लेकर सोच में भी बदलाव आया है। आज पुलिस जरूरतमंदों को खाना पहुंचा रही हैं। इससे पुलिस का मानवीय पक्ष सामने आया है। इसके चलते लोग पुलिस से जुड़ रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में बहुत ही सकारात्मक बदलाव आ सकता है। हमें कभी भी इसे नकारात्मक रंग से रंगना नहीं है।’
3) मदद करना हमारी संस्कृति, दूसरे देश आज थैंक्यू इंडिया कह रहे हैं
मोदी ने कहा, ‘ जो मेरा नहीं है, जिस पर मेरा हक नहीं है, उसे छीनकर उपयोग लाता हूं तो यह विकृति है। जब अपनी जरूरत छोड़कर दूसरे का ध्यान रखा जाता है तो इसे संस्कृति कहते हैं। भारत ने अपनी संस्कृति के अनुरूप फैसले लिए हैं। ये ऐसा समय है, जब भारत किसी देश को दवाएं न दे तो बड़ी बात नहीं है। भारत ने अपनी संस्कृति के अनुरूप फैसला लिया। दुनिया से आ रही मांग पर ध्यान दिया। आज दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों से बात होती है तो वे थैंक्यू इंडिया कहते हैं। इससे गर्व और बढ़ जाता है।’
दो गज दूरी, बहुत है जरूरी- नरेन्द्र मोदी
दो गज की दूरी, बहुत है जरूरी। कामना करते हैं कि अगली बार जब हम मिलें तो दुनियाभर से कोरोना से मुक्ति की खबरें मिलें











