समाज में तंबाकू का बढ़ता हुआ सेवन एक चुनौती- डॉ पीयूषा कुलश्रेष्ठ

भास्कर न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली। तंबाकू का बढ़ता हुआ सेवन पूरे विश्व में और हमारे देश में बहुत ही चिंता का विषय है, प्रति वर्ष पूरे विश्व में तकरीबन 50, लाख और हमारे देश में 12 से 13 लाख लोगों की मृत्यु सिर्फ तंबाकू का प्रयोग करने से होती है| विषय को लेकर डॉ पीयूषा कुलश्रेष्ठ जोकि
डिपार्टमेंट ऑफ़ रेडीएशन ऑनकॉलोजी मेट्रो कैंसर सेंटर प्रीत विहार दिल्ली एवं नोएडा की
विभागध्यक्ष व वरिष्ठ कंसलटेन्ट हैं, डॉ पीयूषा का कहना है, की
15 वर्ष से 16 वर्ष के बच्चों से लेकर बड़ों को इसकी लत रहती है| तंबाकू को कई तरह से प्रयोग में लाया जाता है, जैसे- कि सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, खैनी, इत्यादि इससे कई प्रकार की बीमारियां होती हैं, धूम्रपान करने से गले का कैंसर होता है, गले में खाने की नली फूड पाइप और बोलने की नली वॉइस बॉक्स होते हैं, बोलने के यंत्र में यदि कैंसर आता है, तो आवाज में परिवर्तन होता है| आवाज भारी और बैठी हुई हो जाती है| जैसी के जुकाम के वक्त होती है| यदि खाने की नली में कैंसर होता है, तो खाना निगलने में तकलीफ होती है, मरीज पानी की मदद से खाना निकलता है, फिर धीरे-धीरे वह दलिया खिचड़ी पर आ जाता है| यह कैंसर के शुरुआती लक्षण होते हैं|
चबाने वाले तंबाकू से मुंह का कैंसर होता है|
मुख के कैंसर में जीभ, तालू,गाल, के अंदर का हिस्सा आता है| इसकी शुरुआत मुख में छाले से होती है| जो सामान्य दवा या इलाज से ठीक नहीं होता और बढ़ता जाता है| धीरे-धीरे इससे खून भी निकलने लगता है| यह गांठ का रूप ले लेता है, इसकी जल्दी से जल्दी बायोप्सी की जांच करानी चाहिए और इलाज शुरू करना चाहिए सबसे जरूरी बात है,कि तंबाकू का सेवन बंद करना चाहिए नहीं तो इलाज का भी कोई फायदा नहीं होता है| मुंह और गले के अलावा फेफड़ों का कैंसर मूत्राशय का कैंसर तथा अन्य कई अंगों के कैंसर तंबाकू का सेवन करने के कारण होते हैं, तंबाकू का सेवन अमीर गरीब युवा वयस्क तथा बूढ़े सभी वर्गों में प्रचलित है, इसलिए इससे लड़ना एक बड़ी चुनौती है| अब तो टीवी पर बड़े-बड़े कलाकार और खिलाड़ी भी आकर बोलते हैं,शौक बड़ी चीज है, ऐसे भ्रामक विज्ञापन से बचें |
इस चुनौती से लड़ने का सबसे कारगर तरीके ये हैं जैसे की –

• हम लोगों में जागरूकता फैलाएं |

• उन्हें हर तरीके के तंबाकू से होने वाले खतरे के बारे में शिक्षित करें|

यह अभियान हमें स्कूल में कक्षा 6 के बच्चों से शुरुआत करनी चाहिए और उनके दिमाग में बैठा देना चाहिए रोज प्रेयर के समय उन्हें प्रतिज्ञा लेनी चाहिए कि अपने जीवन में वह तंबाकू का उपयोग कभी नहीं करेंगे तथा औरों को भी रोकेंगे|

• तम्बाकू नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ानी चाहिए,

• लोगों को वहां जाकर तम्बाकू छोड़ने के लिए उत्साहित व प्रेरित करना चाहिए|

• नशा मुक्ति केंद्र में बहुत सारे सपोर्ट ग्रुप होते हैं, जो लोगों की तंबाकू की लत छोड़ने में मदद करते हैं, उनको निकोटीन की पेच भी देते हैं, जिससे तंबाकू छोड़ने की लड़ाई आसान हो जाती है|

• तंबाकू के विज्ञापन और प्रचार पर रोक लगानी चाहिए |
तथा इसके विरुद्ध सख्त कानून भी बनना चाहिए|

• तंबाकू से बनी सामग्री पर कर बढ़ा देना चाहिए|
ऐसे ही बहुत उपाय है, जिनको प्रयोग में लाने से हम इस बीमारी से लड़ सकते हैं |

31 मई 2023 को तम्बाकू निषेध दिवस है,इस बार

WORLD NO TOBACCO DAY की थीम है|

WE NEED FOOD

NOT TOBACCO

यह बात सच है की तंबाकू पर खर्च कर व्यक्ति हर तरह से अपना और अपने परिवार का वर्तमान और भविष्य खराब करता है| उम्मीद है, मेरे इस लेख से एक भी व्यक्ति की आंखें खुल जाये और वो तम्बाकू के सेवन से दूर हो जाये तो मेरा लेख लिखना सफल होगा

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