जींद। बांगर की माटी की सौंधी खुशबू कमल को भा गई। जींद की जनता ने बांगर में कमल खिलाकर विकास की नई इबादत को लिखा। भाजपा ने जींद विधान सभा की सीट को उपचुनाव में 12935 मतों से जीत लिया है। शुरूआती चरणों में पिछड़ने के बाद भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्ण मिड्डा ने बढ़त की ऐसी लय पकड़ी की प्रतिद्वंद्वी उनसे पिछड़ते ही गए। खासकर कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला के जींद बदलेंगे, जिदंगी बदलेंगे के नारे को जनता ने ऐसा आइना दिखाया कि वे तीसरे स्थान फिसल गए। नवगठित जननायक जनता पार्टी व लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी ने जनता में अपनी पकड़ होने का एहसास कराया।अलबत्ता जींद उपचुनाव से स्पष्ट हो गया है कि सत्ता के सेमीफाइनल को फतेह करने वाली पार्टी को फाइनल के रण में भी लाभ प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल शुरूआत में ही जींद उपचुनाव में जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे।
यह रहा मताें का आकड़ा
भाजपा-50566
जजपा-37631
कांग्रेस-22740
एलएसपी-13582
इनेलो-3454
इनेलो का किला ढहा
इनेलो जींद को अपना गढ़ मानती थी। इसका कारण भी था कि जाट बाहुल्य क्षेत्र में लगातार दो बार इनेलो से डॉ. हरिचंद मिड्डा ने जीत दर्ज की। गैर जाट होने का मिड्डा को फायदा मिलता था। डाॅ हरिचंद मिड्डा के निधन के बाद उनके बेटे डॉ. कृष्ण मिड्डा ने इनेलो को छोड़कर भाजपा का दामन थामा और विधायक बन गए। गैर जाट होने का उन्हें भी फायदा मिला और उनके पिता की साफ छवि व समाजसेवा काम आई।
जजपा विकल्प के तौर पर उभरी
जींद उपचुनाव से मात्र एक महीने पहले गठित नवगठित जननायक जनता पार्टी एक विकल्प के तौर पर उभरी। गठन के एक महीने बाद चुनाव की घोषणा होने के बाद जजपा ने ताल ठोकी और जनता को विकल्प दिया। जजपा ने कांग्रेस व इनेलो की दावेदारी को झटका देते हुए जनता में एक नए विकल्प के तौर पर पेश किया।
सुरजेवाला को बड़ा झटका
जींद उपचुनाव में कांग्रेस ने जनता को सशक्त उम्मीदवार दिया। मगर जनता ने सुरजेवाला के विकास के नारे को नकारते हुए मिड्डा के सिर पर जीत का सेहरा बांधा। इससे पहले भी सुरजेवाला उपचुनाव हार चुके हैं। वर्ष 1993 में सुरजेवाला के पिता शमशेर सिंह के राज्यसभा में जाने के बाद नरवाना सीट खाली हो गई थी। अपने पिता की जगह सुरजेवाला चुनाव मैदान में उतरे और इनेलो की ओर खुद इनेलो प्रमुख ने किस्तम अजमाई थी, उस समय सुरजेवाला को हार का सामना करना पड़ा था और वर्ष 2019 में भी सुरजेवाला को जींद में हार मिली। इस हार से सुरजेवाला को बड़ा झटका लगा, केंद्रीय नेतृत्व ने जिस उम्मीद के साथ उन्हें भेजा था, वह उन पर खरा नहीं उतर पाए।
शिक्षा मंत्री की वाणी हुई सच साबित
जींद उपचुनाव में नामांकन के दौरान शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर मजाक में तंज कसते हुए कहा था कि आपका कांटा निकल गया और वही हुआ, सुरजेवाला की हार से पूर्व मुख्यमंत्री की पैठ मजबूत हो गई। क्योंकि कांग्रेस की ओर से सुरजेवाला सीएम के चेहरे के तौर पर देखे जाते थे। खट्टर सरकार का जातिवादी एजेंडा भारी पड़ा विकास पर: सुरजेवाला कांग्रेस के प्रत्याशी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपनी हार को स्वीकार करते हुए कहा कि इस चुनाव में स्पष्ट हो गया कि हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर की सरकार का जातिवादी एजेंडा पूरी तरह से विकास के एजेंडे पर भारी पड़ा है। डाॅ कृष्णचंद मिढ्ढा को जीत मुबारक हो।
अनियमितताओं के खिलाफ उठायेंगे आवाज:
दिग्विजय चौटाला नवगठित जननायक जनता पार्टी के प्रत्याशी दिग्विजय चौटाला ने मतगणना केन्द्र के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चुनाव में जो भी अनियमितताएं हुई हैं। उसके खिलाफ आवाज उठायेंगे।