2500 पर्यटकों के लिए देवदूत बनी सेना, भारी बर्फ़बारी के बीच नाथूला दर्रे से निकाला बाहर

नयी दिल्ली/गंंगटोक। सिक्किम में भारत चीन सीमा पर नाथू ला दर्रे में फंसे 2500 पर्यटकों को देवदूत बनी सेना ने बचाने में सफलता हासिल की है। भारी बर्फबारी के बाद ये लोग वहां फंस गए थे। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि 400 वाहनों में लगभग 2500 पर्यटक नाथू ला दर्रे से वापिस लौट रहे थे और इसी दौरान हुए जोरदार हिमपात में इनके वाहन रास्ते में फंंस गए।

मामले की जानकारी मिलते ही सेना ने तुुरंत राहत एवं बचाव अभियान चलाया और वहां फंसे लोगों को भोजन , गर्म कपड़े तथा दवाएं दी। इन पर्यटकों में महिलाएं , बच्चे और बुजुर्ग भी हैं। सेना ने बर्फ हटाने के लिए दो जेसीबी मशीनें अौर अन्य उपकरण भी सीमा सड़क संगठन को दिए हैं ताकि सड़क पर जमी बर्फ को हटाकर यातायात बहाल किया जा सके। अधिकारी ने बताया कि जब तक सभी पर्यटक गंगटोक नहीं पहुंंच जाते तब तक राहत एवं बचाव कार्य जारी रहेगा।

क्या है नाथूला दर्रा?
नाथूला हिमालय का एक पहाड़ी दर्रा है जो भारत के सिक्किम राज्य और दक्षिण तिब्बत में चुम्बी घाटी को जोड़ता है। यह समुद्र तल से 14,200 फीट की ऊंचाई पर है। चीनी और भारतीय सैनिक करीब 30 मीटर की दूरी पर यहाँ तैनात रहते हैं। गंगटोक में परमिट प्राप्त करने के बाद केवल भारतीय ही पास जा सकते हैं।

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