
–सीसीएसयू के उर्दू विभाग में हुआ ‘साहित्य एवं काव्य’ विषय पर कार्यक्रम
भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में ‘साहित्य एवं काव्य’ विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जामिया मिल्लिया इस्लामिया नई दिल्ली उर्दू विभाग के पूर्व उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो. कौसर मजहरी ने कहा, साहित्य समाज का एक अंग है। समाज में क्या दिखता है, साहित्य इन्हीं तत्त्वों को प्रस्तुत करता है, पर उन्हें परायों के रूप में प्रस्तुत करना साहित्य है।
प्रख्यात लेखक व आलोचक एवं उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रो. असलम जमशेदपुरी ने अध्यक्ष पद का दायित्व निभाया। विशिष्ठ अतिथि के रूप में उर्दू विभाग जामिया मिल्लिया इस्लामिया नई दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष प्रो. शहजाद अंजुम ने शिरकत की। स्वागत भाषण डॉ. शादाब अलीम, संचालन डॉ. आसिफ अली ने और धन्यवाद डॉ. इरशाद सयानवी और डॉ. अलका वशिष्ठ ने किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी ने कहा, साहित्य विज्ञान की तरह निश्चित निष्कर्ष नहीं निकालता, यानी वह कभी भी निरपेक्ष नहीं हो सकता। साहित्य में दो और दो हमेशा चार नहीं होते, कभी तीन, कभी पांच और कभी बाईस। अगर ऐसा न होता तो गालिब इकबाल, मोमिन, प्रेमचंद आदि के शब्दों की व्याख्या आज तक न चलती और न ही कोई अर्थ रह जाता। इस मौके पर गुलिस्तां, गुलनाज, शबनम, इमरान, फराह नाज, दानिश, उम्मेदीन समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहें।














