कानपुर : सात रूपये की किट बचायेगी कार्डिक मरीज की जान

दैनिक भास्कर ब्यूरो ,

कानपुर। हृदय रोग संस्थान के प्रोफेसर डॉ नीरज कुमार ने हदय घात रोकने का ढूंढ़ा सबसे सस्ता इलाज तुरंत कैसे किया जाए। जिससे तत्काल मरीज की जान बचाई जा सकती है। इसके लिया सात रुपए की किट हर घर पर रहनी चाहिए। हार्ट अटैक होने पर इंसान की जिदंगी को बचा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

जिससे कई बार मरीज को अपनी जान गंवानी पडती है। कार्डियोलाजी विभाग के सर्जन डॉक्टर नीरज कुमार ने एक ऐसी किट के बारे में बताया है कि अगर उसे साथ रखे तो हार्ट अटैक जैसी घातक और जान लेवा बीमारी को कम किया जा सकता है या यूं कहे कि ऐसे मुश्किल समय में इतनी सस्ती और किफायती किट जान बचाने में सबसे बडी मददगार और कारगर साबित हो सकती है। 

डॉ नीरज ने बताया बदलते मौसम में हदय रोग से सम्बंधित मरीजो की संख्या बढ़ने लगती है। इसका मुख्य कारण खान पान है जिस पर व्यक्ति नियंत्रण नही रखता और कोलेस्ट्राल को शरीर के अन्दर बढ़ा लेता जो कि हार्ट अटैक का कारण माना जाता है इसके साथ ही शारीरिक व्याम भी नही हो पाता।

बीपी का अनियंत्रित होना भी सबसे बडा कारण माना जाता है कि बीपी के ज्यादा बढ़ने से मरीज हार्ट अटैक और स्ट्रोक का शिकार हो सकता है। अक्सर अस्पताल में देखने को मिल रहा है कि हार्ट की समस्या से ज्यादा मरीज आ रहे है जिनमें घबराहट होना , बेचौनी और बीपी का बढ़ा होना पया जा रहा है। अब ऐसे में अगर मरीज को सही समय पर अस्पताल न पहुंचाया जाए तो उसकी जान जा सकती है।

अब ऐसा न हो इसके  डॉ नीरज ने मात्र 7 रूपये की कीमत में एक ऐसी किट तैयार की है जिसकी मदद से हार्ट अटैक पडने वाले मरीज की जान बचायी जा सकजी है। उन्होंने बताया कि किट में केवल तीन दवाओ  इकोस्प्रीन, सोर्बिट्रेट व रोजावास 20 मिलीग्राम  रखना होगा। हार्ट की समस्या होने पर मरीज को यह दवाएं दे दी जाए तो मरीज को बचाना आसान होगा। 

– हार्ट अैटक का कारण

अधिकांश हार्ट अटैक में देखने को मिला है कि हार्ट में बल्ड की सप्लाई धमनियों के माध्यम से होती है और कई बार धमनियां सिकुड जाने के कारण हार्ट तक ,खून नही पहुंच पाता है जिससे हार्ट में खून पहुंचे में बाधा आने लगती और व्यक्ति दिल के दौरे का शिकार हो ता है। 

– यह है लक्षण

जब भी दिल में दर्द होना शुरू होता है तो इसके लक्षण स्वतः ही दिखाई देने लगते है जैसे सीने में दर्द, बेचौनी होना, सांस लेने में तकलीफ होना, गर्दन , पीठ और बांयी बांह में दर्द का होना, चक्कर आना थकान महसूस होना और सीने में जलन, ठंडमें पसीना आना जैसे लक्षण बताते है कि दिल का दौरा कभी भी पड सकता है। 

– एक घंटे का समय बहूमूल्य

हार्ट अटैक पड़ने से पूर्व एक घंट का समय बडा ही स्वर्णिम होता है क्यों कि इस दौरान अगर सही ट्रीटमेंट मिल जाए तो मरीज की जिन्दगी बचायी जा सकती है।

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