कानपुर : किसान अब अन्नदाता के साथ ऊर्जा दाता भी बन चुके हैं – साध्वी निरंजन ज्योति

एथेनॉल उत्पादन को बढ़ाने पर दिया जोर

कानपुर। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय व ग्रामीण विकास मंत्रालय की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा है कि देश में एकमात्र राष्ट्रीय शर्करा संस्थान ने आठ वर्षों के दौरान उल्लेखनीय विकास किया है। आने वाले वक्त में शर्करा इकाइयों व उनके कार्मिकों की बड़ी भूमिका होगी, क्योंकि उन्हें संस्थान के साथ मिलकर नए तकनीको के विकास में सक्रिय योगदान देना है और एथेनॉल उत्पादन को बढ़ाना है ताकि हम वर्ष 2024 में पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण का लक्ष्य 25 फीसद कर सके। उन्होंने कहा कि किसान अब अन्नदाता के साथ ऊर्जा दाता भी बन चुके हैं। इसलिए चीनी कारखानों को उनके कल्याण का भी प्रयास करना चाहिए।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने बुधवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में नवनिर्मित प्रशिक्षण सह सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन किया और चीनी मिलों के अधिकारियों के साथ बैठक करके समस्याओं को भी सुना। इस संबंध में 10 जून को दिल्ली में भी बैठक करने के लिए कहा है। कार्यक्रम में विधायक नीलिमा कटियार विशिष्ट अतिथि के रूप में रहीं। उन्होंने कहा कि नवनिर्मित इस भवन में प्रशिक्षण कार्यक्रमों, सेमिनार एवं अन्य सम्मेलन के साथ ही विदेश से प्रतिभागियों को भी कार्यक्रमों से जोड़ा जा सकता है। सम्मेलन में उत्कृष्ट उत्पादन में चीनी मिलों को सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रो नरेंद्र मोहन उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संस्थान में नए छात्रावासों के निर्माण,लघु एथेनॉल इकाई,ब्रिवरी,शर्करा रिफाइनरी,इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग व डिजाइन की प्रयोगशाला पूर्व में बनवाई जा चुकी है। वर्ष 2014 के बाद चार नए पाठ्यक्रम इंस्ट्रूमेंटेशन व ऑटोमेशन, गन्ना उत्पादकता व उत्पादकता प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण और पर्यावरण विज्ञान को शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि देशों में भी संस्थान ब्रांड के रूप में अपनी छवि स्थापित करने में सफल रहा है।

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