कानपुर : गंगा में गिरने वाले नालों की जांच के दिये वन मंत्री ने आदेश

कानपुर। गंगा में गिर रहे सीसामऊ नाला समेत 5 नालों के गिरने की जांच की जाएगी। बुधवार को कानपुर जू में में निरीक्षण करने पहुंचे वन एवं पर्यावरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. अरुण कुमार सक्सेना ने जांच की बात कही। उनके साथ वन राज्यमंत्री केपी मलिक भी साथ रहे।

मंत्री ने निर्देश दिए कि गंगा किनारे स्थित खेतों में किसानों की सहमति से भी पौधारोपण करें। चिड़ियाघर में ही गंगा में गिर रहे नालों की शिकायत पर वन मंत्री ने उप्र पॉल्यूशन बोर्ड के आरओ डॉ. अनिल माथुर को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने तत्काल इसकी जांच के आदेश दिए। पौधारोपण के लिए जमीन की कमी होने पर वन मंत्री ने यूपीपीसीबी को कड़े निर्देश देकर पौधारोपण में उद्यमियों का भी सहयोग लिया जाए। उनकी सहमति से इंडस्ट्री की जमीनों पर पौधे लगाए जाएं। वहीं किसानों की सहमति से खेत के किनारे भी पौधे लगाए जाएं। मंत्री ने कहा कि यूपी में 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। फॉरेस्ट और ग्राम समाज की जमीनों पर पौधे लगाने के निर्देश मंत्री ने दिए।

चिड़ियाघर के निरीक्षण से पहले दोनों ही वन मंत्रियों ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में विकास और विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि कानपुर चिड़ियाघर में दो सफेद बाघ व छह बंगाल टाइगर हैं लेकिन पर्याप्त बाड़े न होने की वजह से सभी बाघ को दर्शक देख नहीं पाते हैं। जू में कम जू पड़ रहे बाड़े के कारण अस्पताल में रखे जा रहे हैं। बाघ और कई जानवर हैं। मंत्री ने बताया कि अक्टूबर तक कई नए बाड़े बनकर तैयार हो जाएंगे।

जू का निरीक्षण के दौरान शेर बघीरा मंत्रियों को देख काफी गुस्से से दहाड़ लगाने लगा। इससे मंत्री से और अधिकारी सहम गए। इसके बाद बघीरा अपने बाड़े में चला गया। उन्होंने जू में तितली पार्क समेत अन्य विकास कार्यों का निरीक्षण किया। निरीक्षण से पहले वन मंत्री ने पौधा भी रोपा। 

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