सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के विरोध में केरल बंद, हिंसक आंदोलन में 1 प्रदर्शनकारी की मौत

तिरुवनंतपुरम।  केरल के सबरीमला मंदिर में 50 वर्ष से कम उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश के विरोध में स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का आंदोलन गुरुवार को और तेज हो गया तथा अब इसकी आंच पड़ोसी राज्य कर्नाटक में भी फैल चुकी है जहां लोग विरोध प्रदर्शन के अलावा वामपंथी पार्टी केे कार्यालयों को भी निशाना बना रहे हैं। दोनों राज्यों में वामपंथी तथा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं- के बीच हिंसक झड़पें होने की भी खबरे हैं। इस हिंसक झड़प में एक प्रदर्शनकारी के मरने की खबर है।

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कोझिकोड से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक अयप्पा मंदिर में बुधवार को 50 वर्ष से कम उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश के विरोध में सबरीमला कर्म समिति (एसकेएस) के आह्वान पर दिन भर की हड़ताल के आह्वान के दौरान उत्तरी केरल में जनजीवन प्रभावित रहा। इस दौरान छिटपुट हिंसक घटनायें होने की भी खबरें हैं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कोझिकोड, कसारगोड, कन्नूर, वायनाड, मालाप्पुरम तथा पलक्कड जिलों समेत मालाबार क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर सड़क जाम किया तथा पुलिस वाहनों एवं राज्य पथ परिवहन निगम की बसों समेत कई वाहनों पर पथराव भी किया।

बेंगलुरु से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक सबरीमला मंदिर में दो महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने के विरोध में बुधवार की रात को दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले मेें बांतवाल शहर स्थित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के कार्यालय पर हमला कर तोड़-फोड़ की। इस हमले के विरोध में भाकपा की बेंगलुरु जिला इकाई ने प्रदर्शन किया तथा हमलावरों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।

कर्नाटक केे ही मैसुरु में सबरीमला मंदिर के श्रद्धालुओं ने दो महिलाओं के प्रवेश के विरोध में गुरुवार को प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वाम दल नीत केरल सरकार ने अयप्पा मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश की इजाजत देकर स्वामी अयप्पा के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए दो जनवरी का दिन सबसे खराब बना दिया।

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