कुंभ में 109 करोड़ के फर्जी बिल का मामला, टेंट लगाने वाली कंपनी पर मुकदमा दर्ज

कुंभ मेला में फर्जीवाड़ा, सही से अधिक गलत बिल का हो जाता भुगतान                                         

प्रयागराज।  मेसर्स लल्लू जी एंड संस (एजेंसी) द्वारा 1.96 करोड़ रुपये के बिल 27 फरवरी 2019 से छह जुलाई 2019 के बीच दिए गए। सभी दस्तावेजों की जांच हुई तो सिर्फ 86.38 करोड़ रुपये के बिल सही पाए गए। जबकि अन्य बिलों के संबंध में प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा आपत्ति कर दी गई। मतलब 109.85 करोड़ के बिल को भुगतान के लिए रोक दिया गया। अगर रोके गए बिल और किए गए भुगतान को देखा जाए तो काफी अंतर नजर आता है। 


प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मेसर्स लल्लू जी एंड संस से किया था अनुबंध
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मेसर्स लल्लू जी एंड संस (एजेंसी) से 16 नवंबर 2018 काे अनुबंध किया था। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने उस समय कुंभ मेला की तैयारी को लेकर एजेंसी से जो भी सामान मांगे, उसे उपलब्ध कराया गया। मेला तक सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा। किसी प्रकार का कोई विवाद सामने नहीं आया। मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या समेत करीब-करीब सभी प्रमुख स्नान पर्व बीतने लगे तो बिलों के भुगतान के लिए दस्तावेज पेश करने का सिलसिला चालू हुआ।

 
मेला प्राधिकरण के अफसरों ने एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखा
इतनी बड़ी रकम देखकर प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अफसरों का माथा घूम गया। बड़े अफसरों ने एक-एक बिल की जांच करने की बात कही और फिर यहीं से पेंच फंसना शुरू हुआ। भुगतान तगड़ा करना था और इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी न बरतने का शासन का पहले से ही निर्देश था, इसलिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अफसरों ने एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखा। दस्तावेजों में किन-किन कर्मचारियों ने हस्ताक्षर किए थे, उनको बुलाकर पूछा गया। दस्तावेज देखने के बाद कर्मचारी साफ मुकर गए कि ये उनके हस्ताक्षर नहीं है।    कर्मचारी भी घबराए हुए थे
चूंकि बिलों की जांच चल रही थी, इसलिए कर्मचारी भी घबराए हुए थे। इसके बाद 109.85 करोड़ रुपये के बिलों को रोकते हुए एजेंसी को नोटिस भेजी गई। एजेंसी ने नोटिस का क्या जवाब दिया यह तो स्पष्ट नहीं हो सका, लेकिन बिलों का भुगतान रोकने से 109.85 करोड़ रुपये जरूर बच गए।

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