कुशीनगर: वादों से मुकरा कप्तानगंज चीनी मिल, अब डीएम के पाले में गेंद

दैनिक भास्कर ब्यूरो

पडरौना,कुशीनगर। जिले के कप्तानगंज चीनी मिल का रवैया गन्ना किसानों के बाद अब जिला प्रशासन पर भी भारी पड़ गया। डीएम रमेश रंजन व डीसीओ दिलीप सैनी के बीच मिल मालिक के बीच बीस दिनों पूर्व हुई बैठक में मिल मालिक ने जिला प्रशासन को वचन दिया था कि 15 दिसंबर तक हर हाल में किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कर देंगे। इस भरोसे को ब्रह्मवाक्य मानकर जिला प्रसाशन ने बकाया भुगतान के लिए 15 दिसंबर तक कि मियाद दे दी थी। अब जबकि यह मियाद खत्म हो चुकी है और चीनी अपने वायदे से मुकर चुका है, लिहाजा अब गेंद डीएम के पाले में आ गयी है।

गन्ना किसानों का कप्तानगंज चीनी मिल पर 42 करोड़ रुपये भुगतान का मामला

उल्लेखनीय है बदले हालात में अब जो एक्शन लेना है, वह डीएम रमेश रंजन को ही लेना है। क्योंकि कप्तानगंज चीनी मिल को जो करना था, वह कर चुका है। बता दें कि पेराई सत्र 2021-22 में कप्तानगंज चीनी मिल ने लगभग तीन दर्जन गांवों के किसानों से गन्ना खरीदा था। जिससे चीनी उत्पादन, शीरा और खोइया की बिक्री से जितना धन अर्जित करना था। वह अर्जित कर लिया था।

डीसीओ कितना बकाया गन्ना मूल्य खातों में गया, करा रहे आंकलन

लेकिन किसानों से खरीदे गए गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया। हालांकि कुशीनगर सांसद विजय कुमार दुबे, तत्कालीन डीएम एस राजलिंगम ने किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए कई दौर की वार्ता भी की थी। यहां तक कि प्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री व किसान आंदोलनों से राजनीति में अपना मुकाम हासिल करने वाले राधेश्याम सिंह ने भी जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार को आगाह किया था कि कप्तानगंज चीनी किसानों का बकाया गन्ना मूल्य हड़प कर भाग जाएगी।

डीएम, डीसीओ व मिल मालिक के बीच द्विपक्षीय वार्ता निरर्थक

लिहाजा समय रहते बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान करा लिया जाए। लेकिन सरकारी तंत्र को भरोसा था कि चीनी मिल किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कर देगी। लेकिन सबकी उम्मीदों का धता बताते हुए कप्तानगंज चीनी प्रबंधन मिल रातोंरात मिल बंदकर पलायित हो गया। इसके बाद तत्कालीन डीएम एस राजलिंगम वाराणसी डीएम के पद पर शासन द्वारा भेज दिए गए। जब रमेश रंजन ने डीएम का पदभार ग्रहण किया तो इनके संज्ञान में यह प्रकरण आया। किसानों की समस्या को गम्भीर मानते हुए डीएम शर8 रंजम ने कप्तानगंज मिल मालिक को बुलवाया।

जिला गन्ना अधिकारी दिलीप सैनी की मौजूदगी में इस शर्त पर करार हुआ कि 165 दिसंबर तक हर हाल में बकाया 42 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया जाएगा। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। इस संबंध में जिला गन्ना अधिकारी दिलीप कुमार सैनी ने बताया कि यह सही है कि कप्तानगंज चीनी मिल ने 15 दिसंबर तक किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान देने का वायदा किया था। अब हम यह परीक्षण करा रहे हैं कि किसानों के खाते में बकाया गन्ना मूल्य गया है या नहीं। अगर किसानों के खातों में रुपये नहीं गए होंगे तो विधिक कार्रवाई की जाएगी।

बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए हर संभव एक्शन लिए जाएंगे: डीएम

पडरौना। किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के मसले पर डीएम रमेश रंजन ने कहा कि किसानों को बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान दिलाने के जो भी संभव होगा एक्शन लिया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि कप्तानगंज चीनी मिल ने खुद ही आग्रह कर 15 दिसंबर तक का समय मांगा था। अब स्थिति का अध्ययन कर कठोर कदम उठाए जाएंगे।

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