लखीमपुर : मानकों पर खरा उतरने वाली जिले की तीन ग्राम पंचायतें हुई आईएसओ प्रमाणित

  • प्रभारी डीएम व एसपी-ने ग्राम प्रधानों का किया उत्साहवर्धन, प्रदान किया प्रमाण पत्र
  • खीरी की 03 ग्राम पंचायत ने किया जनपद का नाम रौशन, मिला आईएसओ प्रमाण पत्र

दैनिक भास्कर ब्यूरो ,

मितौली-खीरी। शनिवार को मितौली तहसील समाधान दिवस मे आईएसओ द्वारा निर्धारित 36 मानकों पर खरा उतरने वाली जिले की प्रथम 03 ग्राम पंचायत (गोला देहात, जंगल नंबर 11 और जलालपुर) को क्वालिटी मैनेजमेंट के लिए आईएसओ प्रमाण पत्र प्रदान किया।

मितौली संपूर्ण समाधान दिवस के उपरांत तहसील सभागार मितौली में प्रभारी डीएम अनिल कुमार सिंह व एसपी गणेश प्रसाद साहा ने डीपीआरओ सौम्यशील सिंह की मौजूदगी में तीनों ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधानों क्रमशः गोला देहात के ग्राम प्रधान राजेश गिरी (एडवोकेट), जलालपुर की ग्राम प्रधान नजमा और जंगल नंबर 11 की ग्राम प्रधान उमा देवी का उत्साहवर्धन कर आईएसओ प्रमाण पत्र प्रदान किया।

इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम अनिल कुमार सिंह ने कहा कि आईएसओ प्रमाणन से विभिन्न विकास कार्यों की गुणवत्ता में बेहतरी आएगी। ग्राम पंचायतें एक तय मानक के तहत गुणवत्तापूर्ण कार्य कराएंगी। इससे केंद्र व राज्य सरकार की पुरस्कार योजना में शामिल होने व पाने का मौका भी मिलेगा।

शासन स्मार्ट शहरों की तर्ज पर गांवों को भी स्मार्ट बनाने की दिशा में कृत संकल्पित होकर काम कर रही है। खीरी जिले की ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को स्मार्ट सुविधाएं प्रदान कराने और मानक पूरे करने वाली ग्राम पंचायतों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रथम चरण में (प्रत्येक ब्लॉक से पांच ग्राम पंचायत) 75 ग्राम पंचायत को आईएसओ प्रमाणित कराया जाएगा। जिससे अन्य पंचायतों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत होगा और गांवों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बन सकेगी। उसी के क्रम में ब्लॉक फूलबेहड़ की ग्राम पंचायत जंगल नंबर 11, ब्लॉक कुंभी की ग्राम पंचायत गोला देहात और ब्लॉक बांकेगंज की ग्राम पंचायत जलालपुर को आईएसओ प्रमाण पत्र प्रदान किया जा रहा है।

डीपीआरओ सौम्यशील ने कहा कि जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 75 ग्राम पंचायत को आईएसओ प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इस प्रमाण पत्र के लिए संबंधित ग्राम पंचायत में योजनाओं का बेहतर संचालन, गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य व सेवाएं,आपदा प्रबंधन, जन शिकायतों का निस्तारण, गांव में जन सुविधा केंद्र का संचालन, ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, अभिलेखों का रख-रखाव समेत ग्राम पंचायत की अपने स्रोतों से आय अनिवार्य पैरामीटर हैं।

प्रथम चरण के पश्चात बेहतर कार्य वाली जनपद की अन्य ग्राम पंचायतों का चयन किया जाएगा। गौरतलब है कि आज पुरस्कृत/प्रमाणित तीनों ग्राम पंचायतों का भारतीय मानक ब्यूरो की टीम द्वारा गत 29 नवंबर को स्थलीय एवं भौतिक सत्यापन किया गया था।

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