
नई दिल्ली। कोरोना महामारी से बचाव के लिए क्या फिर से एक बार केंद्र सरकार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर सकती है? देश में रोजाना 3.50 लाख से भी ज्यादा कोरोना केस सामने आ रहे है, जिसमें हजारों लोग अपनी जान से हाथ गवां रहे हैं। आए दिन लाखों लोग अपने अपनों को खो रहे हैं। आलम तो यह है कि लोगों को शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी तक नसीब होना मुश्किल हो गई है। हर एक के जहन में कोरोना को लेकर मायूसी छाई हुई है।
इन हालात को मद्देनजर रखते हुए सरकार एक बार फिर से लॉकडाउन लगा सकती है। ये लॉकडाउन एक महीने से ज्यादा का भी हो सकता है। हालात इतने गंभीर है कि कोरोना के दूसरे चरण के बाद अब तीसरा चरण भी जल्द ही आ सकता है।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल का कहना है कि कोरोना की बढ़ती इस चेन को तोड़ने के लिए सरकार मुनासिब समय आने पर लॉकडाउन की घोषणा कर सकती है। लोगों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को लॉकडाउन लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इस मामले को लेकर 29 अप्रैल को ही गाइडलाइंस जारी की जा चुकी हैं।
#WATCH | Dr VK Paul, NITI Aayog, when asked if nationwide lockdown the only solution to rise in cases, says, "…If anything more is required those options are always being discussed. There's already a guideline to states to impose restrictions to suppress chain of transmission." pic.twitter.com/VBiSXWyTE7
— ANI (@ANI) May 5, 2021
क्या देश में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों को रोकने का इकलौता समाधान राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन है, तो इस संबंध में उन्होंने कहा कि अगर आगे भी किसी चीज की जरूरत पड़ती है तो उन उपायों (विकल्पों) पर भी चर्चा की जाती है। राज्य सरकार को संक्रमण फैलने से रोकने के दिशानिर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।
जिन जगहों पर संक्रमण की दर 10 फीसदी से ज्यादा है, उन इलाकों में रात को भी नाइट कर्फ्यू लगाया जा सकता है। सरकार ने पहले ही सामाजिक, राजनीतिक, खेल, धार्मिक जैसी गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इसके अलावा शॉपिंग सेंटर, मूवीज़ हॉल, रेस्टोरेंट, बार, स्पोर्ट्स कॉम्लेक्स, स्वीमिंग पूल और यहां तक की मंदिर स्थल पर जाने पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
सरकार केंद्र शासित प्रदेशों के हालातों का मुआयना करेगी और उसके आधार पर कोई फैसला सुनाएगी। राज्य सरकार इस संक्रमण की रोकथाम के लिए हर मुमकिन कोशिश करेगी। राज्य सरकारों को संबंधित इलाकों के हालात का आंकलन करने के बाद जरूरी फैसला लेने की छूट है। केंद्र सरकार पहले से जारी गाइडलाइंस के अलावा जरूरत पड़ने पर नए विकल्पों को आजमाने पर भी विचार कर सकती है।














