महागठबंधन: कांग्रेस ने की सीटो पर बड़ी डिमांड, क्या माया-अखिलेश मानेंगे बात !

उत्तर प्रदेश में सत्ता का वनवास भोग रही समाजवादी पार्टी (सपा) एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अब गठबंधन की राजनीति के सहारे सत्ता के पायदान पर पहुंचना चाहती है। यही वजह है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के होने वाले विधानसभा चुनाव के गठबंधन के बाद सपा और बसपा ने मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में भी लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया है

एक दशक पहले मध्यप्रदेश में 8 सीटें जीतकर तीसरे मोर्चे के रूप में स्थान बनाने वाली सपा विगत 10 सालों में अपना वजूद धीरे-धीरे खोती गई। हालांकि इसके लिए प्रदेश स्तर के साथ राष्ट्रीय संगठन भी जिम्मेदार कहा जा सकता है। एक ही व्यक्ति पर मुलायम के संगठनात्मक भरोसे ने पार्टी की नैया ही डुबो दी। अखिलेश के पार्टी की कमान सभालने के बाद गत वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में डूबते को तिनके का सहारा की तर्ज पर सपा को बुंदेलखंड क्षेत्र से एक सीट पर सफलता मिल पाई है। इस सफलता ने आने वाले लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव के लिए एक उम्मीद जगा दी है। राज्य के बुंदेलखंड और महाकौशल क्षेत्र में पार्टी को मिले मतों और बसपा को प्राप्त मतों के सहारे अब सपा लोकसभा में फतह की बाट जोह रही है। यही वजह है कि अखिलेश ने आनन-फानन में लोकसभा चुनाव के लिए मप्र में बसपा से 3 सीट पर समझौता कर अन्य पर उसे समर्थन का ऐलान कर दिया।

बताते चले कांग्रेस को अलग-थलग कर गठबंधन का ऐलान करने वाले सपा-बसपा ने नए सिरे से राजनीतिक समीकरण बनाने में जुट गए है. सपा-बसपा ने गठबंधन में पहले आरएलडी को शामिल किया और अब कांग्रेस को हिस्सेदार बनाने की कवायद की जा रही है. माना जा रहा है कि सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को 15 सीटें मिल सकती हैं.

यूपी में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले बीजेपी के विजयरथ को रोकने के लिए सपा-बसपा गठबंधन कांग्रेस को भी साथ लाने में जुटे हैं. इस दिशा में तीनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत जारी है. कांग्रेस ने 20 सीटों की डिमांड रखी हैं, लेकिन गठबंधन ने उन्हें पहले 9 सीटें देने का ऑफर रखा था, जिसे पार्टी ने स्वीकार नहीं किया. इसके बाद कांग्रेस ने 15 प्लस 2 सीटों की डिमांड रखी. दो सीटें रायबरेली और अमेठी हैं. इस तरह कांग्रेस 17 सीटें मांग रही हैं.

हालांकि, सूत्रों के मुताबिक 13 प्लस 2 सीटों पर कांग्रेस के साथ समझौता होने के कगार पर है. इस तरह कांग्रेस के खाते में कुल 15 सीटें आ सकती हैं. कांग्रेस के लिए सपा अपने कोटे से 7 और बसपा अपने कोटे से 6 सीटें देंगी. जबकि, बाकी दो सीटों पर पहले ही सपा-बसपा ने कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार न उतारने का ऐलान कर रखा था.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद ही आजतक से बातचीत में बताया है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की अब संभावना नहीं लगती है, लेकिन यूपी में हमारी बातचीत जारी है और सही दिशा में है. इसका मतलब साफ है कि सूबे में नए सिरे से गठबंधन बन रहा है.

एयर स्ट्राइक के बाद उत्तर प्रदेश में तीनों दलों की राजनीतिक परिस्थितियां बदल गई हैं, जिसके चलते नए सिरे से गठबंधन का फैसला किया गया है. इसी मद्देनजर कांग्रेस की महासचिव और पूर्वांचल की प्रभारी प्रियंका गांधी ने सूबे का दौरा टाल हुआ है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मात देने के लिए सपा-बसपा ने गठबंधन का ऐलान किया था. सूबे की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 38 बसपा और 37 सीटों पर सपा ने चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. जबकि तीन सीटें आरएलडी को देने का ऐलान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी के साथ ज्वाइंट प्रेस कॉफ्रेंस करके ऐलान किया है.

 

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