
- स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मशरूम की खेती से जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति सुधारी जाएगी – महेन्द्र बहादुर सिंह
मैनपुरी – जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने आज विकासखंड किशनी के ग्राम कुरसंडा में भारत माता स्वःसहायता समूह द्वारा की जा रही मशरूम की खेती का स्थलीय निरीक्षण कर गांव की महिलाओं से कहा कि केंद्र, प्रदेश सरकार महिलाओं के स्वाबलंबन, उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए कृत संकल्पित हैं, महिलाओं के सर्वांगीण विकास, उनकी शिक्षा, सुरक्षा के लिए तमाम योजनाएं संचालित की हैं गांव-गांव राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत समूह गठन कर महिलाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराये जा रहे हैं, जनपद में पहली बार भारत माता समूह की महिलाओं ने प्रशिक्षण लेकर मशरूम की पैदावार की जो अपने आप में गौरव का विषय है।
डीएम ने कहा कि पहली बार मशरूम की खेती में हाथ आजमाने वाली महिलाओं की मेहनत रंग लाती दिख रही है। महिलाओं ने जिस लगन से प्रशिक्षण लेकर मशरूम की खेती की है जल्द ही उसकी पैदावार की बिक्री होने पर इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, महिलाओं की रसोई भी संवरेगी। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत मशरूम की खेती कराने की योजना जिले में साकार हो गई, ग्राम कुरसंडा में समूह की महिलाओं ने बीते माह मशरूम की बुआई की थी, अब मशरूम बाजार मे बिकने के लिए तैयार हो चुका है। उन्होने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा उगाये गए आॅयस्टर मशरूम प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को मिड-डे-मिल में खाने को मिलेगा। इससे न केवल बच्चों को स्वादिष्ट भोजन मिलेगा, साथ ही महिलाओं को भी मशरूम की बिक्री करने में आसानी होगी। उन्होने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओें का आव्हान करते हुये कहा कि परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए सभी महिलाएं गठित समूहों से जुड़ें, परिवार की आय में वृद्धि होगी। उस धनराशि से अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलायें, उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें, शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो किसी भी बच्चे को देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचा सकती है।
डीएम ने कहा कि मशरूम की कम लागत व कम मेहनत में अच्छी पैदावार कर समूह की महिलाएं अपनी आजीविका बहुत अच्छे से चला सकती हैं। उन्होने कहा कि सन्निर्माण में लगे श्रमिक श्रम विभाग में अपना पंजीकरण अवश्य करायें और श्रम विभाग की संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्त करें। श्रमिकों के सर्वागींण विकास, उनके बच्चों की शिक्षा, शादी हेतु श्रम विभाग में कई योजनाएं संचालित हैं। उन्होने कहा कि गांव के लोग पंचायत चुनाव में सामंजस्य बनाकर निर्विरोध प्रतिनिधि चुनें यदि गांव में निर्विरोध निर्वाचन हुआ तो गांव के विकास के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित की जायेगी।
मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रियाा ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विकास खंड किशनी में मशरूम उगाने का प्रशिक्षण कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया था। उस समय इन महिलाओं के मन में दुविधा थी लेकिन आगे बढ़ने का हौसला भी था, और इन महिलाओं ने अपनी मेहनत, लगन से इस कार्य को पूरा किया, समूह से जुड़ी सभी महिलाएं बधाई की पात्र हैं। उन्होने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों के निर्देशन में समूह की महिलाओं की मेहनत रंग लाई, पहली फसल तोड़ने के लिए तैयार हो चुकी है। उन्होने कहा कि देश में पिछले कुछ वर्षों में किसानों का रुझान मशरूम की खेती की तरफ तेजी से बढ़ा है। मशरूम की खेती बेहतर आमदनी का जरिया बनी है।
जनपद के कृषक इस लाभकारी खेती से दूर थे, लेकिन महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाकर जनपद में मशरूम की खेती की शुरूआत हो चुकी है। जल्द ही प्रत्येक विकास खंड में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर मशरूम की खेती करने के लिए प्रेरित किया जायेगा ताकि वह भी कम लागत में अच्छी मुनाफा पा सकें।
प्रशिक्षक चिराग सिंह ने बताया कि एक बैग को मय बीज के तैयार करने में मात्र रू. 200 की लागत आती है। मशरूम का बीज 600 रू किलो है। एक बैग में 150-200 ग्राम बीज पड़ता है, बीस दिन में इसकी शुरुआत हो जाती है और 25 दिन में इस फसल को बेचा जा सकता है। यह खेती सबसे कम लागत व कम मेहनत में तैयार हो जाती है।
इस अवसर पर समूह की महिलाओं के अलावा जिलाधिकारी की धर्मपत्नी अल्पना प्रकाश, बेटी मिशिका, मायरा, उप जिलाधिकारी सदर, किशनी, ऋषिराज, राम सकल मौर्य, परियोजना निदेशक कृष्ण कुमार सिंह, उप निदेशक डीबी सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी स्वामीदीन, डीसी एनआरएलएम रंजीत सिंह, भारत माता आजीविका ग्राम संगठन अध्यक्ष रानू देवी, बीआरपी मनू कुमारी आदि उपस्थित रहे।










