टीबी और कोरोना को मात देने के लिए मास्क जरूरी: सीएमओ

  • सेंटर फाॅर एडवोकेसी एंड रिसर्च के सहयोग से आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला

-विश्व क्षय दिवस पर 2024 तक जिले को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित

बहराइच। कोविड 19 टीकाकरण में बहराइच जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है, आगे भी स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रथम स्थान पर बने रहने के लिए लगातार काम कर रही है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर अब 45 साल से ऊपर उम्र के सभी लोगों को कोरोना का टीका लगेगा। होली त्यौहार में प्रवासी कामगारों के वापस आने के बाद एक बार फिर जिले में कोरोना का ग्राफ बढ़ रहा है, आवश्यकता है कोविड 19 प्रोटोकाॅल का पालन करने की। इससे हम कोरोना और टीबी दोनों से अपना बचाव कर सकते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजेश मोहन श्रीवास्तव ने विश्व क्षय दिवस पर बुधवार को यह बातें सेंटर फाॅर एडवोकेसी एंड रिसर्च व जिला स्वास्थ्य समिति के सहयोग से आयोजित स्वास्थ्य संचार सुदृढ़ीकरण हेतु मीडिया कार्यशाला के दौरान कहीं। एक होटल में कोरोना अनुकूल व्यवहार और टीकाकरण व राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम पर आयोजित इस कार्यशाला में सीएमओ ने कहा कि आज विश्व क्षय दिवस पर जनप्रतिनिधियों द्वारा टीबी के मरीजों को गोद लिया जाता है जिससे वे मरीजों के पोषण और मिलने वाली आर्थिक सहायता की जानकारी लेकर उनका ध्यान रख सकें।

बीते दिनों में जिले में 1488 टीबी के केस पाये गये है जिसमें से 1107 का इलाज सरकारी अस्पताल में व 381 मरीजों का इलाज प्राइवेट चिकित्सालय में चल रहा है। कोविड 19 टीकाकरण को लेकर सीएमओ ने बताया कि अब 01 अप्रैल से 45 साल से ऊपर सभी लोगों को कोराना का टीका लगाया जाएगा। इसके लिए लाभार्थी नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर अपने आधार कार्ड के साथ सम्पर्क कर सकते हैं। टीका लगवाने से किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती, ये पूरी तरह सुरक्षित है।

सीएमओ ने बताया कि जनवरी और फरवरी माह में जिले में कोविड मरीजों की संख्या शून्य थी लेकिन त्यौहारों में प्रवासी कामगारों के लौटने के बाद ये संख्या 11 हो गई है। सीएमओ ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे कोविड 19 गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करें और मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें। डिप्टी डीटीओ डा. पी.के वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्व क्षय दिवस का उद्देश लोगों में जागरूकता लाकर 2025 तक भारत से टीबी को पूरी तरह समाप्त कर देना है। उन्होने कहा कि घड़ी की सुई तेजी से आगे बढ़ रही और हमें 2025 से पहले तेजी से टीबी से मुक्त होना है। उन्होने कहा कि भारत में प्रति वर्ष 4.5 लाख लोगों की मौत टीबी से हो जाती है। पूरे भारत में जितने टीबी मरीज है उसका 20 प्रतिशत सिर्फ उत्तर प्रदेश में हैं। उन्होने बताया कि सीबी नाॅट मशीन से जिले में टीबी के मरीजों की जांच की जाती है। सभी सीएचसी पर जांच के लिए ट्रू नाॅट मशीनें लगाई गई हैं।

सेंटर फाॅर एडवोकेसी एंड रिसर्च की नेशनल प्रोजेक्ट लीड रंजना द्विवेदी ने बताया कि जिस तरह कोरोना ने हमें स्वच्छता का व्यवहार सिखाया है यदि हमने टीबी के प्रति ऐसा व्यवहार किया होता तो हम बहुत पहले टीबी मुक्त हो गये होते। स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर हम सब मिलकर कोरोना और टीबी से मुक्त हों यही प्रयास है। उन्होने बताया कि टीबी को लेकर इस बार की थीम ये बता रही है कि टीबी को लेकर हमारे पास समय बहुत कम है।
डीआईओ डा. वी.पी. वर्मा ने बताया कि जिले में अब तक 83 हजार बुजुर्गो के टीकाकरण के लक्ष्य के सापेक्ष करीब 81 हजार का टीकाकरण किया जा चुका है। 01 अप्रैल से जिले मे होने वाले 45 साल से ऊपर के लोगों के टीकाकरण में जो लक्ष्य शासन द्वारा निर्धारित किया जाएगा, उसे पूरा किया जाएगा।

डब्लूएचओ के एसएमओ डा. विपिन लिखोरे ने बताया कि सभी को कोविड 19 के बारे में पता है लेकिन लोग अभी भी लापरवाही कर रहे है जिसका कारण है कि मार्च के माह में कोविड वायरस ने एक बार फिर पाॅव पसारना शुरू कर दिया है। त्यौहार के सीजन में बहुत सारे लोग यूपी में अपने घर वापस लौट रहे है और उनकी जांच होने पर पाॅजिटिव निकल रहे हैं। विपिन ने बताया कि कोविड टीकाकरण के बाद भी हमें कोविड प्रोटोकाॅल का सख्ती से पालन करना पडे़गा। आपकी थोड़ी सी लापरवाही परिवार पर भारी पड़ सकती है।
युनिसेफ के डीएमसी मोबिलाइजेशन अनिल शुक्ला ने टीबी के बारे में बताते हुए कहा कि टीबी के प्रति समाज में बहुत सारी भ्रांतियां हैं।

इसके कारण समाज में टीबी की सही पहचान नहीं हो पा रही है। सही तथ्यों को आम जन तक पहुंचाने में मीडिया का अहम योगदान है। अनिल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2025 तक टीबी को समाप्त करने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है उससे पहले 2024 में जिले से टीबी को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

कार्यक्रम का संचालन डिप्टी डीएचईआईओ बृजेश सिंह ने किया। कार्यक्रम के दौरान एसीएमओ डा. जयन्त कुमार, एसीएमओ डा. विष्णु देव, डिप्टी सीएमओ अनिल कुमार, डीटीओ डा. के.के. श्रीवास्तव, सीफार रिजनल कोआर्डिनेटर सुशील वर्मा, रवि चंद्र शर्मा, देवेन्द्र कुमार, सुरेश कुमार यादव, अजीत प्रताप सिंह, आर.के. कन्नौजिया, प्रवीन कुमार, अमरेन्द्र तिवारी, सचिन सोनकर, राजेश श्रीवास्तव, राजेश पाण्डेय, युनिसेफ डीएमसी संदीप सक्सेना, शिव शंकर आदि मौजूद रहे।

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