यूपी : दारोगा पिटाई प्रकरण में लगातार झूठी निकल रही पुलिस की कहानी

मेरठ । भाजपा के गले की फांस बने दारोगा-पार्षद प्रकरण में पुलिस की एकतरफा कार्ातार झूठी साबित हो रही है। अब दारोगा को रेस्टोरेंट में खाना नहीं देने की बात भी सोशल मीडिया पर वायरल एक फोटो झुठला रही है। इससे पुलिस को भी जवाब देते नहीं बन रहा है।
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कंकरखेड़ा स्थित एक रेस्टोरेंट में भाजपा पार्षद और दारोगा-महिला पिटाई प्रकरण में पुलिस ने जिस तत्परता से पार्षद मनीष चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जेल भेजा और डकैती की भी धाराएं हटाई, उस पर सीधे तौर पर सवाल उठ रहे हैं। अब पुलिस जांच में ही सामने आया कि दारोगा के साथ डकैती नहीं हुई। इस कारण विवेचक ने अपनी जांच में डकैती की धारा हटाने को कोर्ट में अर्जी दे दी है। दारोगा और महिला अधिवक्ता ने पुलिस को बयान दिया था कि खाना नहीं देने पर झगड़ा हुआ था, जबकि अब सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें दारोगा व महिला अधिवक्ता रेस्टोरेंट में खाना खाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इससे दारोगा का झूठ साबित हो रहा है।
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पार्षद के अधिवक्ता अमित दीक्षित का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि दारोगा सात बजकर 20 मिनट पर आया, जबकि दारोगा ने कहा कि वह आठ बजकर पांच मिनट पर परतापुर थाने की जीडी में रवानगी दर्ज करके गया था। पार्षद पर आरोप लगाने वाली महिला अधिवक्ता दीप्ति चौधरी कई बार शराब पीकर हंगामा कर चुकी है। बुधवार की रात को भी महिला ने शराब पीकर कई वाहनों को टक्कर मारी। घायलों की शिकायत पर महिला को पकड़ा गया तो उसने थाने में जमकर हंगामा किया। महिला कांस्टेबलों के बाल नोंच डाले। इससे पुलिस भी हैरान है।

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