लखनऊ । आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश में अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद अपना फैसला पलटते हुए वह छोटे दलों को साथ ले रही है।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ के साथ कांग्रेस गठबंधन को लेकर बेहद गम्भीर है। सूत्रों के मुताबिक शिवपाल के साथ तो इस सम्बन्ध में बातचीत भी हो चुकी है। अखिलेश यादव से विवाद के बाद अपनी अलग पार्टी प्रसपा बनाने वाले शिवपाल लोकसभा चुनाव को लेकर ताल ठोक चुके हैं। सपा में टिकट नहीं मिलने से नाराज नेता शिवपाल के पाले में जा सकते हैं।
शिवपाल की पार्टी भले ही नई है लेकिन कांग्रेस को लगता है कि पुराने समाजवादी नेता की वजह से ये गठबंधन उसे सियासी फायदा पहुंचा सकता है। इसी तरह राजा भैया ने भी सियासी समीकरण साधते हुए अपनी पार्टी से प्रत्याशी उतारने की घोषणा की है। शिवपाल की तरह ही राजा भैया के खेमे में भी दूसरे दलों से नाराज नेताओं के आने की सम्भावना है। इनमें कई बड़े नाम हो सकते हैं। वहीं भाजपा में टिकट मिलने से वंचित नेताओं को भी राजा भैया अपनी पार्टी से टिकट दे सकते हैं।
इन सियासी परिस्थितियों को भांपते हुए कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर अपने नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। शिवपाल सिंह यादव से प्रियंका गांधी के प्रतिनिधि के रूप में कांग्रेस के दो नेताओं ने दो दिन पहले लखनऊ में इस संबंध में भेंट भी की है। इन नेताओं में कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह का नाम बताया जा रहा है। वहीं सूत्रों के मुताबिक अब शिवपाल सिंह यादव दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में प्रियंका वाड्रा के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति की घोषणा करेंगे।
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