कर्म का मूल और परिणाम होती है प्रेरणा : बीके शुक्ल


गोरखपुर। प्रेरणा किसी भी कर्म का मूल और परिणाम होती है। यह एक ऐसी ऊर्जा है जो कार्य को करने के लिए प्रेरित करती रहती है। कार्य के पीछे प्रबल प्रेरणा से ही असंभव जैसे कठिन कार्य समय के साथ पूरे कर लिए जाते हैं।

 यह बातें पूर्व अधिष्ठाता, कृषि संकाय बीके शुक्ल ने कही। वे बड़हलगंज कस्बा स्थित नेशनल पीजी कालेज के कृषि विज्ञान परिषद के तत्वावधान में आयोजित विदाई समारोह कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।

प्राचार्य डा. राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि यदि सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो सूरज की तरह जलना भी होगा। यह सच है कि सारी समस्याओं की जड़ हमारे अंदर है परंतु समाधान भी हमारे पास ही है। डा. परितोष त्रिपाठी ने कहा कि मैं ही देह हूं, श्रेष्ठ हूं, जयेष्ष्ठ हूं। मुझसे बड़ा ज्ञानी कोई नहीं है। यही सोच सभी कष्टों का कारण है।

डा. दिनेश कुमार सिंह ने छात्रों को समझाया कि खुद की खूबियों और खामियों दोनों को जाने। यह ज्ञान संकट चाहे कितना भी बड़ा हो उससे उबर सकने में सहायता प्राप्त करता है। कृषि विज्ञान परिषद के अध्यक्ष डा. प्रभात कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि मन को संयत रखने के लिए इसे चुनौती की तरह लेना चाहिए और दुगनी ऊर्जा के साथ इस पर काम करने चाहिए। छात्र अपनी मंजिल तब तक नहीं पा सकता जब तक वह अपने भीतर व्याप्त अंतर्विरोध पर विजय न प्राप्त कर ले। संचालन आदित्य नाथ तिवारी व महिमा सिंह ने किया। डा. वीरभद्र, डा. संजीव, डा. अमरेंद्र , सुधीर कुमार मिश्र, सपना राय, उमाशंकर, विश्वजीत राय, शैलेश पांडेय, रमेश पांडेय मौजूद रहे।

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