मप्र में बहुमत किसी को नहीं, कांग्रेस 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी

कांग्रेस को 114, भाजपा को 109, बसपा को 02 और सपा को 01 सीट मिली, 4 सीटों पर निर्दलीय विजयी

भोपाल,. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार दिन और फिर रातभर चली मतगणना के बाद अाज सुबह सभी 230 सीटों के नतीजे घोषित कर दिए, जिसमें कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। वहीं पंद्रह सालों से सत्ता में काबिज भाजपा को कांटे की टक्कर के बीच 109 सीटों पर संतोष करना पड़ा।

राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अनुसार इसके अलावा बसपा को दो, सपा को एक और चार पर निर्दलीय उम्मीदवार को विजय नसीब हुयी है। विधानसभा में बहुुमत हासिल करने के लिए कांग्रेस को 116 विधायकों की आवश्यकता है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज तड़के मीडिया से चर्चा में दावा किया कि हमारे पास सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत है और निर्दलीय, बसपा और सपा का समर्थन भी उनके पास है। उन्होंने कहा कि हमने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है और समय मिलने पर कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इसके पहले देर रात तक मतगणना जारी रहने के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने एक ट्वीट करके कहा ‘ प्रदेश में कांग्रेस को जनादेश नहीं है।

कई निर्दलीय और अन्य भाजपा के संपर्क में हैं। कल राज्यपाल महोदय से मिलेंगे।’ इसके और पहले मतगणना पूरी नहीं होने के पहले ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने राज्यपाल को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा और कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और वे इस दल के प्रदेश अध्यक्ष के नाते उनसे मिलकर सरकार बनाने के संबंध में दावा पेश करना चाहते हैं। हालाकि अब सभी की निगाहें कांग्रेस, भाजपा और राजभवन की ओर लगी हुयी हैं। इस बीच बताया गया है कि दोनों ही दलों के नेता बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय प्रत्याशियों से संपर्क बनाने में जुटे हुए हैं, जिससे विधानसभा में बहुमत हासिल करने का जादुई आकड़ा 116 हासिल किया जा सके। राज्य की सभी 230 सीटों के लिए मतदान 28 नवंबर को एक ही चरण में हुआ था और तब पांच करोड़ चार लाख मतदाताओं में से 75 दशमलव 05 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे।

इसके बाद मंगलवार सुबह आठ बजे मतों की गिनती का कार्य शुरू हुआ था, जो आज सुबह तक जारी रहा। चुनाव के नतीजों में राज्य के लगभग एक दर्जन मंत्री और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को भी पराजय का सामना करना पड़ा है। इनमें विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह (चुरहट), पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी (भोजपुर) और विधानसभा उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता राजेंद्र कुमार सिंह ( अमरपाटन) शामिल हैं। वहीं पराजित मंत्रियों में ओमप्रकाश धुर्वे, अंतर सिंह आर्य, दीपक जोशी, अर्चना चिटनिस, ललिता यादव, बालकृष्ण पाटीदार, लाल सिंह आर्य, उमाशंकर गुप्ता, रूस्तम सिंह, जयभान सिंह पवैया, नारायण सिंह कुशवाह, जयंत मलैया और शरद जैन शामिल हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपने परंपरागत बुधनी विधानसभा क्षेत्र से 55 हजार से अधिक मतों से विजयी रहे। पिछली बार उनकी जीत का अंतर 80 हजार से अधिक वोट था।

 

कांग्रेस की जीत पर सिंधिया ने जनता और कार्यकर्ताओं का जताया आभार

 । पिछले 15 सालों से सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस का इंतजार आखिरकार समाप्त हुआ। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा सीट हासिल करने के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है। हालांकि कांग्रेस जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई लेकिन निर्दलीय विधायकों का साथ पाकर वह इस मुश्किल को भी पार करने की पूरी तैयारी में है। लंबे समय बाद प्रदेश में कांग्रेस को मिली शानदार जीत पर कांग्रेस के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार जताया है। सिंधिया ने बुधवार तड़के ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर धन्यवाद संदेश प्रेषित किया है।
सिंधिया ने ट्वीट कर लिखा, ”कांग्रेस की विजय के लिए प्रदेश की जनता और कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को बधाई और आभार। ये विजय प्रदेश की जनता की विजय है, अन्नदाताओं की विजय है, युवाओं की विजय है, मातृशक्ति की विजय है। उन्होंने आगे लिखा ‘मेरे सभी जांबाज साथियों के हौसले और निष्ठा को मेरा सलाम, जिन्होंने भाजपा सरकार के हर जुल्म का पूरी हिम्मत से मुंहतोड़ जवाब दिया है। सभी कार्यकर्ताओं से मेरी अपील है कि हमे पूरी जिम्मेदारी और विनम्रता से जनता की सेवा कर असहिष्णुता के माहौल को दूर करना है’। एक अन्य ट्वीट करते हुए सिंधिया ने लिखा, ‘आपको जब भी, जहां भी मेरी जरूरत होगी वहां पूरी ताकत से आपके साथ खड़ा रहूंगा। आपको पुन: बधाई! ’।

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