काशी विश्वनाथ, राम जन्मभूमि की तर्ज पर बनेगा बरेली में नाथ नगरी कॉरिडोर

बरेली की आध्यात्मिक सांस्कृतिक विरासत से युवा पीढ़ी रूबरू होगी। आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में राम जन्मभूमि की तर्ज पर बरेली में नाथ नगरी कारिडोर बनने का रास्ता साफ हो गया है।

लखनऊ में कमिश्नर और बीडीए उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के समक्ष किया प्रस्तुतीकरण

कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बुधवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष नाथ नगरी कारिडोर का प्रस्तुतीकरण दिया। जिस पर मुख्यमंत्री ने मुहर लगा दी है। पर्यटन विभाग को डीपीआर बनाने के निर्देश अफसरों को दिए गए हैं।

सात पुराने मंदिरों को जोड़कर बनेगा कारिडोर और बनेंगे भव्य द्वार

बरेली विकास प्राधिकरण के साथ नाथ नगरी कारिडोर की डिजाइन को मूर्त रूप देने वाले आर्किटेक्ट सुमित अग्रवाल ने बताया कि बरेली शहर में सात पौराणिक नाथ मंदिरों में अलखनाथ मंदिर, मढ़ीनाथ, तपेश्वर नाथ, धोपेश्वर नाथ, पशुपतिनाथ, वनखंडी नाथ नाथ मंदिर को जोड़कर नाथ कारिडोर का निर्माण कराया जाएगा।

बरेली शहर के साथ पौराणिक मंदिरों को जोड़कर बनेगा कॉरिडोर

इसके अलावा उसमें आने वाले चौराहों का भी विकास होगा। लाइटें लगाई जाएंगी। मंदिरों के प्रवेश द्वार को भव्य डिजाइन के साथ निर्माण कराया जाएगा।

गौ आश्रय और भंडारा स्थल का भी होगा निर्माण

नाथनगरी कारिडोर में प्रथम चरण में अलखनाथ मंदिर के विकास एवं जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के बैठने के लिए बेंच, जन सुविधाएं, पेयजल, जूता चप्पल रखने के स्टैंड पूजन एवं अन्य सामग्री के स्टाल, पार्किंग व्यवस्था और लाइटिंग की बेहतर व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा वहां भंडारा स्थल, गौ आश्रय के लिए शेड का निर्माण कराया जाएगा। खुले क्षेत्र में पार्क की भी व्यवस्था कराई जाएगी।

रामगंगा रिवर फ्रंट पर 17 एकड़ में बनेगी नाथ वाटिका

रामगंगा रिवर फ्रंट पर 17 एकड़ में नाथ वाटिका प्रस्तावित की गई है। बदायूं रोड पर बरेली विकास प्राधिकरण की नाथ धाम आवासीय योजना, रामगंगा नगर आवासीय योजना में विकसित हो रही रामायण वाटिका, विभिन्न मार्गों के चौड़ीकरण और विकास कार्यों को भी मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुति दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाथ नगरी कारिडोर की डीपीआर पर्यटन विभाग को शीघ्र प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। पहले चरण में अलखनाथ मंदिर और धोपेश्वर नाथ मंदिर का जीर्णोधार, विकास और निर्माण कराया जाएगा।

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