
भास्कर न्यूज
मैगलगंज-खीरी : पंचायत चुनाव की आरक्षण सूची लागू होने के बाद आरक्षित सीटों पर चुनाव के लिए मेहनत कर रहे सामान्य वर्ग के प्रत्याशी अब डमी प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारने के लिए तलाश करने लगे हैं लेकिन यह वह भी सता रहा है कि चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी कहीं ज्यादा जागरूक ना हो जाए ऐसी कई घटनाएं पहले भी देखी गई है कई जगह तो प्रधान जी प्रधान प्रतिनिधि के यहां भैंसों का गोबर उठाते देखे गए हैं क्योंकि आरक्षण की वजह से सीटी तो आरक्षण वर्ग के खाते में चली गई लेकिन दबदबा बनाने में कामयाब नहीं हो पाए या फिर यह कहे कि दास प्रथा जो सैकड़ों वर्ष पहले समाप्त कर दी गई थी उसका अंत नहीं हो पाया पहले भी आरक्षित हुई सीटों पर सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों के चेले चपाले जीतकर आते रहे हैं
कई जगह जीतने के बाद कुछ ज्यादा ही जागरूक होकर अपने गुरु के खिलाफ भी बिगुल फूंक दिया ऐसे ही कई मामलों में गंभीर घटनाएं भी हुई हैं समाजवादी शासन काल में औरंगाबाद क्षेत्र के एक गांव में बात हत्या तक पहुंच गई थी क्योंकि प्रधान जी चुनाव तो लड़े रहे थे उनको चुनाव लड़ाया गया था तब प्रधान जी ने वादा किया था कि आपके कहे अनुसार ही चलेंगे लेकिन बाद में प्रधान जी ने जब रंग बदलना शुरू किया तो गुरुजी ने भी उग्र रूप धारण कर लिया और बात आगे बढ़ी और हत्या तक पहुंच गई वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में ज्यादातर सीटें आरक्षित होने से पसगवां पंचम जिला पंचायत सीट पर भी प्रत्याशियों की भरमार दिखाई पड़ रही है
पस गवा पंचम जिला पंचायत सामान्य होने के कारण जो वर्तमान प्रधान या प्रधानी की तैयारी कर रहे प्रत्याशी सीट आरक्षित होने के कारण चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं आवाज जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में कूदकर अपनी किस्मत आजमाने के लिए बेचैन है हालांकि आरक्षित हुई ज्यादातर सीटों पर डमी प्रत्याशियों का ही बोलबाला नजर आएगा जिसकी तलाश भी प्रधान पद के प्रत्याशियों ने जोर-शोर से शुरू कर दी है कि कौन कितना वफादारी के पैमाने पर खरा उतरेगा उसी को चुनाव लड़ाया जाए फिलहाल कुछ भी हो होली के टाइम चुनाव होने से अबकी बार होली की रौनक भी बढ़ जाएगी क्योंकि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे होली का त्यौहार भी आने वाले समय में पसगवां पंचम जिला पंचायत सीट पर भी मुकाबला दिलचस्प होगा क्योंकि लगभग एक दर्जन प्रत्याशी पहले से कमर कसे हुए हैं बाकी आरक्षित क्षेत्र होने के कारण चुनाव लड़ पाने में असमर्थ प्रधान पद के प्रत्याशी भी जिला पंचायत सदस्य पद पाने के लिए पस गवा पंचम से ताल ठोक सकते हैं।









