अभिभावक हैं परेशान कहीं उनके बच्चों मोबाइल पर गेम खेलने की लत न पड़ जाए

-कोरोना के दौरान मोबाइल पर अधिक समय बिता रहे हैं बच्चे

—-दिनेश कुमार। गुड़गांव

कोरोना महामारी के चलते बच्चे भी काफी लंबे समय से घरों में ही रह रहे हैं। क्योंकि स्कूल व शिक्षण संस्थाएं तो पिछले कई माह से बंद पड़ी हैं। हालांकि ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था प्रदेश के शिक्षा विभाग ने की हुई है, लेकिन समय तक कंप्यूटर व मोबाइल के संपर्क में रहने के कारण बच्चे भी ऑनलाइन शिक्षा से उबते दिखाई देने लगे हैं।

बच्चों ने घरों में टाइम पास के लिए मोबाइल पर गेम व वीडियो देखने शुरु किए हुए हैं, जिस पर वे अपना काफी समय बिता रहे हैं। बच्चों को मोबाइल की लत लगती जा रही है, जिससे अभिभावक भी परेशान होने लगे हैं। विभिन्न मनोवैज्ञानिकों का भी कहना है कि कोरोना महामारी के इस दौर में छोटे बच्चे ही नहीं, अपितु स्कूल-कॉलेजों में पढऩे वाले छात्रों में मोबाइल पर गेम खेलने की आदत बढ़ गई है। इस सबसे अभिभावक परेशान हैं और उन्होंने मनोचिकित्सकों से संपर्क भी करना शुरु कर दिया है। अभिभावकों को यह डर सता रहा है कि कहीं उनके बच्चे मोबाइल की लत से पीडि़त न हो जाएं। मनोचिकित्सक डा. ब्रह्मदीप सिंधू का कहना है कि छोटे बच्चे भी मोबाइल पर खूब समय बिता रहे हैं।

हालांकि उनकी ऑनलाइन शिक्षा चल रही है, लेकिन ऑनलाइन बढ़ाई के बाद बच्चे वीडियो देखने व गेम खेलने में अपना अधिक समय बिता रहे हैं। माता-पिता व अन्य परिजनों को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनके बच्चे अधिक समय तक वीडियो गेम आदि मोबाइल पर न देखें। मनोचिकित्सक का यह भी कहना है कि लंबे समय से घरों में रहने के कारण बच्चों में चिड़चिड़ेपन की समस्या भी बढ़ गई है। उनके पास इस प्रकार के कई मामले भी दिन-प्रतिदिन आ रहे हैं। बच्चे मोबाइल पर ऐसे भयंकर गेम भी खेल रहे हैं जोकि उनके स्वास्थ्य के लिए भी बड़े हानिकारक सिद्ध हो रहे हैं। अभिभावकों को अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। यह नहीं कि मोबाइल देकर उन्हें भूल जाएं। ऐसे में बच्चे अपनी मनमर्जी से गेम आदि खेलते हैं, जोकि उनके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

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