
मुकेश चतुर्वेदी/अनिरूद्ध दुबे
किशनी/मैनपुरी- ना ना करते दिसम्बर के खत्म होते और नये साल के आगमन पर आखिर सर्दी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर ही दिया है।
31 दिसम्बर तथा पहली जनवरी को इस सीजन के सबसे ठंडे दिन रहे। सर्दी इतनी कि लोग घरों से बाहर निकलने की हिम्मत ही नहीं जुटा पा रहे हैं। सुबह से बारह बजे तक हर ओर कोहरे की सफेद चादर छाई रही। उसके बाद सूर्यदेव के दर्शन हुये भी पर वह सर्दी छुड़ाने के लिये नाकाफी रहे। सदर बाजार में सारे दिन लोग अलाव तापते रहे। जबकि घरेलू महिलायें अपने अपने घरों में ही कैद रहने को विवस रहीं। इस कडकडाती सर्दी में सबसे ज्यादा यदि कोई परेशान है तो वह है किसान। जिसे हाडकंपाऊ सर्दी में भी रात रात भर जाग कर आवारा गौवंश से फसलों की रखवाली करनी पड़ रही है।
शीतलहर एवं गलन के प्रकोप से इंसान और पशु पक्षी हुये हलकान
प्रवीन पाण्डेय/नीलेश मिश्रा
भोगांव/मैनपुरी- नई साल में प्रकृति ने अपना कड़ा रूख अपनाने हुये गलन एंव शीतलहर का तोहफा लोगों को दिखा। जिससे आम आदमी अपने घरों में रहने को मजबूर हो गया तो वहीं पशु पक्षी भी व्याकुल हो गये। ज्ञातव्य हो कि अचानक मौसम मंे आये बदलाव से सर्द हवायंे एंव तुषार के साथ साथ कोहरे का भी प्रकोप नये साल से एकाएक बढ गया है।
मौसम मंे अचानक हुये इस बदलाव से लोगांे को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है। सर्द हवाओं के कारण आम जनमानस के साथ साथ पशु पक्षी भी बेहाल हैं लोग घरों में आग का सहारा लेकर सर्दी से निजात पाने की कोशिश कर रहे हैं। शनिवार को अचानक हुई बूदाबांदी ने सर्द मौसम को और ठण्डा कर दिया है। जिससे सभी बेहाल हंै। लोग भगवान से सर्द हवाओं से निजात दिलाने की गुहार लगाते नजर आ रहे हंै।










