पीलीभीत: बाल विवाह पर अंकुश लगाने को लेकर महिलाएं हुई जागरूक

दैनिक भास्कर ब्यूरो

पीलीभीत। बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए महिला कल्याण विभाग अभियान चलाकर गृहणी महिलाओं को जागरूक कर रहा है। एक इण्टर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देशन में छात्राओं को जागरूक किया गया। महिला कल्याण अधिकारी सुवर्णा पांडे ने बताया कि बाल विवाह निरोधक अधिनियम 1929 के पहले के कानून के स्थान पर बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 को अधिनियमित किया गया। इस अधिनियम के अन्तर्गत बाल विवाह पर रोक लगाने, पीड़ितों को राहत देने और इस तरह के विवाह को बढ़ावा देने या इसे बढ़ावा देने वालों के लिए सजा जैसे प्रावधान दिये गये हैं।

इसमें दोषी पाये जाने पर 02 साल का कठोर कारावास या 01 लाख रूपये या दोनों का जुर्माना शामिल है। पास्को एक्ट 2012 अधिनियम यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण देना है। दहेज निषेध अधिनियम 1961 के बारे में विस्तार से बताया गया। सखी वन स्टॉप सेंटर से परामर्शदाता मृदुला शर्मा ने बताया कि दहेज लेने, देने या इसके लेन-देन में सहयोग करने पर 05 वर्ष की कैद और 15 हजार जुर्माने का प्रावधान है। महिला कल्याण विभाग से संचालित योजनाओं की जानकारी महिलाओं को दी गई।

जिला समन्वयक जय श्री सिंह ने महिलाओं की सुरक्षा को हेल्पलाइन नम्बरों की जानकारी दी। 1090 वूमेन पावर लाइन, 181 महिला हेल्पलाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, 112 पुलिस आपातकालीन सेवा, 1098 चाइल्ड लाइन, 102 स्वास्थ्य सेवाओं एवं 108 एम्बूलेंस सेवाएं शामिल है। इस दौरान महिला कल्याण अधिकारी सुवर्णा पांडे, जिला समन्वयक जयश्री सिंह परामर्शदाता मृदुला शर्मा व पुलिस कर्मी रामकांति मौजूद रहीं।

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