नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इससे उनका असली चेहरा देश के सामने उजागर हो गया है।
लोकसभा में गुरूवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह कांग्रेस के शुक्रगुजार हैं कि अगर वे सीएए का विरोध न करते तो देश को पता नही चलता कि कौन उसके साथ है और कौन खिलाफ खड़ा है।
सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर संविधान की दुहाई देने वाले विपक्षी नेताओं पर प्रहार करते हुए मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं उनके लिए जरूरी है कि वे बार-बार संविधान को पढ़ें। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएए का विरोध वह लोग कर रहे हैं जो देश का ‘टुकड़े-टुकड़े’ करने वालों के साथ खड़े हैं।
PM Modi's reply to the motion of thanks on the President's Address in the Lok Sabha. #PMinLokSabha https://t.co/rZlVPzbenH
— BJP (@BJP4India) February 6, 2020
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर न्यायपालिका से न्यायिक समीक्षा का अधिकार छीनकर उसे पिछलग्गू बनाने की कोशिश की। देश में आपातकाल लगाकर लोगों से जीवन का अधिकार छीनने की कोशिश की गई। उन्होंने पूर्व की कांग्रेस सरकारों की संविधान विरोधी कार्रवाइयों को गिनाते हुए कहा कि विपक्षी दलों की सरकारों को गिराया गया और प्रधानमंत्री एवं प्रधानमंत्री कार्यालय के ऊपर गैरसंवैधानिक सत्ता तंत्र के रूप में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का गठन किया गया। इस परिषद के जरिए रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने की कोशिश की गई।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना मोदी ने कहा कि एक नेता ने अपनी ही पार्टी की सरकार के मंत्रिमंडल के फैसले की प्रति एक प्रेस कांफ्रेंस में फाड़कर संविधान का अपमान किया। ऐसे लोगों को संविधान पढ़ने की जरूरत है।
राहुल गांधी द्वारा गत बुधवार को दिल्ली की एक चुनावी सभा में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें छह महीने के अंदर डंडे से मारने की घोषणा की गई है। यह अच्छी बात है कि उन्हें छह महीने का समय दिया गया है। इस अवधि में डंडा मारने वाले को भी मौका मिलेगा और मुझे डंडा सहने की तैयारी करने का अवसर मिलेगा। मोदी ने कहा ‘ मैंने भी तय किया है कि 6 महीने में रोज सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा। ताकि 6 महीने में अपनी पीठ को इतनी मजबूत बना लूं कि हर डंडे सहन कर सके।’
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के फैसले का जिक्र करते हुए मोदी ने राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के उत्तेजनापूर्ण बयानों की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ये नेता अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में खून-खराबे और राज्य के भारतीय संघ से अलग होने की भविष्यवाणी कर रहे थे। इन नेताओं के भड़काऊ कथनों को जम्मू कश्मीर की जनता ने नकार दिया तथा सरकार के फैसले की हिमायत की। मोदी ने कहा कि वास्तव में अनुच्छेद-370 हटाकर सरकार ने इस राज्य में संविधान को पूरी तरह लागू कर दिया।
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पीएम मोदी ने कहा कि, ‘हमने समस्याओं के समाधान खोजने का लगातार प्रयास किया है और उसी का परिणाम है कि अर्थव्यवस्था में फिस्कल डिफिसिट बनी रही है, महंगाई नियंत्रित रही है और मैक्रो इकोनॉमिक स्टेबिलिटी भी बनी रही है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘हमारा विजन ग्रेटर इनवेस्टमेंट, बैटर इन्फ्रास्टक्चर, इन्क्रीस्ड वेल्यू एडिशन और ज्यादा से ज्यादा जॉब क्रिएशन पर है।’
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘कुछ माननीय सदस्य कहते हैं कि ये काम क्यों नहीं हुआ, कब तक करेंगे, कब होगा, कैसे होगा। तो कुछ लोगों को लगता है कि आप आलोचना करते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि आप आलोचना करते हैं। मुझे खुशी है कि आप मुझे समझते हैं, आपको भी पता है कि करेगा तो यही करेगा।’
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘पीएम फसल बीमा योजना से किसानों में एक विश्वास पैदा हुआ है। इस योजना के अंतर्गत किसानों से करीब 13 हजार करोड़ रुपए का प्रीमियम आया, लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को जो नुकसान हुआ, उसके लिए किसानों को करीब 56 हजार करोड़ रुपए इस बीमा योजना से प्राप्त हुए।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘किसानों की आय बढ़े, ये हमारी प्राथमिकता है। इनपुट कॉस्ट कम हो ये हमारी प्राथमिकता है। हमारे देश में पहले 7 लाख टन दाल और तिलहन की खरीद हुई, जबकि हमारे कार्यकाल में 100 लाख टन दाल और तिलहन की खरीद हुई।’
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘हम जानते हैं कि डेढ़ गुना MSP का विषय लंबे समय से अटका था, ये किसानों के प्रति हमारी जिम्मेदारी थी कि हमने उसे पूरा किया। वर्षों से लटकी करीब 99 सिंचाई परियोजनाओं पर 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करके पूरा किया और अब किसानों को उसका लाभ मिल रहा है।’
पीएम मोदी ने कहा कि, बोडो जनजाति की चर्चा में कहा कि ये कोई पहली बार नहीं हुआ। लेकिन पहले जो कुछ भी हुआ, राजनीति के तराजू से तौलकर किया, जो भी किया आधे-अधूरे मन से किया गया। पहले समझौते तो हुए, फोटो भी छप गई, लेकिन कागज पर किये समझौते से बोड़ो जनजाति के लोगों का भला नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि ‘इस बार के बोडो समझौते में सभी हथियारी ग्रुप साथ आए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात इसके एग्रीमेंट में लिखा है कि इसके बाद बोडो की कोई मांग बाकी नहीं रही है। आज नई सुबह भी आई है, नया सवेरा भी आया है, नया उजाला भी आया है।’
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘नॉर्थ ईस्ट में पिछले 5 वर्ष में जो दिल्ली उन्हें दूर लगती थी, आज वही दिल्ली उनके दरवाजे पर जाकर खड़ी हो गई है। चाहे बिजली की बात हो, रेल की बात हो, हवाई अड्डे की बात हो, मोबाइल कनेक्टिविटी की बात हो, ये सब करने का हमने प्रयास किया है।’
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘हमने जिस तेज गति से काम किया है, उसका परिणाम है कि देश की जनता ने इसे देखा और देखने के बाद, उसी तेज गति से आगे बढ़ने के लिए हमें फिर से सेवा का मौका दिया। अगर ये तेज गति न होती तो 37 करोड़ लोगों के बैंक अकाउंट इतनी जल्दी नहीं खुलते।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘अगर गति तेज न होती तो 11 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय न बनते। 13 करोड़ गरीब लोगों के घर में गैस का चूल्हा नहीं पहुंचता। 2 करोड़ नए घर गरीबों के लिए नहीं बनते। लंबे समय से अटकी दिल्ली की 1,700 कॉलोनियों को नियमित करने का काम पूरा न होता।’
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘कोई इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि देश चुनौतियों से लोहा लेने के लिए हर पल कोशिश करता रहा है। कभी – कभी चुनौतियों की तरफ न देखने की आदतें भी देश ने देखी है। चुनौतियों को चुनने का सामर्थ्य नहीं, ऐसे लोगों को भी देखा है, लेकिन आज दुनिया की भारत से जो अपेक्षा है, हम अगर चुनौतियों को चुनौती नहीं देते, अगर हम हिम्मत नहीं दिखाते और अगर हम सबको साथ लेकर चलने की गति नहीं दिखाते तो हमें लंबे अरसे तक समस्याओं से जूझना होता।’
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘अगर कांग्रेस के रास्ते हम चलते, तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति कानून का इंतजार देश को करते रहना पड़ता। 35 साल बाद भी नेक्स्ट जनरेशन लड़ाकू विमान का इंतजार देश को करते रहना पड़ता। 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं हो पाता।’ उन्होंने कहा कि ‘आपकी (कांग्रेस) ही सोच के साथ चलते तो राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती। आपकी ही सोच अगर होती, तो करतापुर साहिब कोरिडोर कभी नहीं बन पाता। आपके ही के तरीके होते, आपका ही रास्ता होता, तो भारत-बांग्लादेश विवाद कभी नहीं सुलझता।’
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘हम भी आप लोगों (कांग्रेसियों) के रास्ते पर चलते, तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता, आपके ही तौर तरीके से चलते, तो मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘लोगों ने सिर्फ एक सरकार बदली है, केवल ऐसा नहीं है, बल्कि सरोकार भी बदलने की अपेक्षा की है। इस देश की एक नई सोच के साथ काम करने की इच्छा और अपेक्षा के कारण हमें यहां आकर काम करने का अवसर मिला है।’
पीएम मोदी ने कहा कि, ‘माननीय राष्ट्रपति जी ने न्यू इंडिया का विजन अपने अभिभाषण में प्रस्तुत किया है। 21वीं सदी के तीसरे दशक का माननीय राष्ट्रपति जी का वक्तव्य हम सभी को दिशा व प्रेरणा देने वाला और देश के लोगों में विश्वास पैदा करने वाला है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘एक स्वर ये उठा है कि सरकार को सारे कामों की जल्दी क्यों है? हम सारे काम एक साथ क्यों कर रहे हैं? सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी ने अपनी कविता में लिखा है कि- लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं।’