
विशेषज्ञ चिकित्सक देंगे निःशुल्क परामर्श
जांच के साथ होगा निशुल्क इलाज
बहराइच l अगर आप गर्भवती हैं तो यह खबर आपके लिए है। आगामी 9 नवंबर सोमवार को जिला अस्पताल सहित जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं की जांच दवा और इलाज विशेषज्ञ चिकित्सक की निगरानी में किया जाएगा। इसके लिए आपको जिले पर नहीं आना पड़ेगा बल्कि आपके नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ही विशेषज्ञ चिकित्सक इलाज करेंगे । साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उच्च श्रेणी के अस्पताल में भी इलाज की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य महकमे ने पूरी तैयारी कर ली है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि कुल पंजीकृत गर्भवती महिलाओं में से 05 से 10 प्रतिशत महिलाओं में खतरे वाली गर्भावस्था होने की संभावना रहती है। जिसका समय पर पहचान, उपचार और संस्थागत प्रसव होना आवश्यक होता है । इसी उद्देश्य से प्रत्येक माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान मनाया जाता है। इसके तहत उच्च जोखिम वाली महिलाओं को चिन्हित कर स्त्री रोग विशेषज्ञ अथवा महिला एमबीबीएस चिकित्सकों की देख रेख में निःशुल्क जांच, परामर्श, उपचार और रेफरल की व्यवस्था की जाती है।
लक्ष्य पूरा करने पर रहेगा ज़ोर
आरसीएच नोडल अधिकारी डॉ अजीत चंद्रा ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार इस बार 9 नवंबर को होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में 2600 उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के इलाज का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जनपद के कुल 14 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों सहित जिला अस्पताल में काउंटर लगाकर गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया जाएगा । इस दौरान चिन्हित उच्च जोखिम वाली महिलाओं के मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड पर एचआरपी कि मुहर लगाई जाएगी जाएगी जिससे आगे भी उनकी विशेष देखभाल की जा सके । इसके अलावा चिन्हित सभी उच्च जोखिम वाली महिलाओं के प्रसव कार्ययोजना सहित सभी ब्योरा स्वास्थ्य इकाई पर सुरक्षित रखा जाएगा ।
इन जाँचों की होगी प्राथमिकता –
● ब्लड प्रेशर
● खून की जांच
● एचआईवी
● पेशाब की जांच
● अल्ट्रासाउंड
● पेट की जांच
● वजन की जांच
उच्च जोखिम वाली महिला की पहचान
● 7 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन
● हाई ब्लड प्रेशर
● छोटे कद वाली महिला 140 सेमी से कम
● पहला बच्चा आपरेशन से हुआ हो
● 20 साल से कम उम्र वाली महिला
● 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिला
● एचआईवी संक्रमित
● पिछला बाधित प्रसव
● पाँच या पाँच से अधिक बार गर्भवती महिला










